Move to Jagran APP

हे प्रभु, आपने भी अपेक्षाओं से मुंह फेर लिया

मणिकांत मयंक, फतेहाबाद सुरेश प्रभु। आपके नाम का संधि-विच्छेद करें तो सुर + ईश। समासिक विग्रह करें

By Edited By: Published: Fri, 27 Feb 2015 01:05 AM (IST)Updated: Fri, 27 Feb 2015 01:05 AM (IST)
हे प्रभु, आपने भी अपेक्षाओं से मुंह फेर लिया

मणिकांत मयंक, फतेहाबाद

loksabha election banner

सुरेश प्रभु। आपके नाम का संधि-विच्छेद करें तो सुर + ईश। समासिक विग्रह करें तो सुरेश अर्थात देवताओं के देवता। पर यह क्या? सूबे ने आपको सिर-आंखों पर बैठाया और आपकी बारी आई तो आपने भी मुंह फेर लिया। आप इतने निष्ठुर होंगे, ऐसी तो अपेक्षा न थी। समृद्धि में सहायक रेल की कमान आपके हाथों में थी लेकिन सूबे के विकास की गाड़ी पटरी पर नहीं ला सके। रोना तो इस बात का है कि जो पहले की प्रस्तावित परियोजनाएं थीं, उनके लिए खजाने से कुछ तो खर्च करते? अब जिस हरियाणा ने आपको लोकतंत्र की सबसे पंचायत में भेजा वहां के लोगबाग आपकी उदासीनता से खिन्न हो उठे हैं। विरोधियों को बोलने का मौका दे दिया सो अलग।

प्रभु, लोग तो बोलेंगे ही। ट्रेन दी न ट्रैक। कैसे आए विकास की रैक? आपसे अदद हिसार-अग्रोहा-फतेहाबाद-सिरसा रेल लाइन के लिए बजट ही तो मांगा था। उसपर भी कुछ नहीं कहा। अलबत्ता, आपने समीक्षा के उपरांत इसी सत्र में कुछ नई घोषणा का आश्वासन दे दिया। माफ करना प्रभु। युवा देश को बच्चों वाला झुनझुना चुप नहीं करा सकता। लोग वर्तमान की नींव पर भविष्य की इमारत का सपना देखते हैं। पर आपने वह भी नहीं दिखाया। निराश कर दिया।

हे सुरेश, निराशा भी घोर। इसलिए कि केंद्र व राज्य दोनों जगह आपकी सत्ता है और सत्ता की दोहरी लाइन पर यहां के बाशिंदों की अपेक्षाएं सुपरफास्ट दौड़ रही थीं। अच्छे दिन आने की आस थी। प्रभु, अपेक्षाएं आहत हुई हैं। आपके समर्थकों के साथ-साथ विरोधी भी मुखर हो उठे हैं। काफी हद तक वाजिब ही। अब अपने पूर्व सांसद अशोक तंवर जी की सुनिये कि वह क्या कहते हैं। उनका मानना है कि जिस हरियाणा की अवाम ने आपको राज्यसभा पहुंचाया उनके साथ आपने छल किया। पिछले बजट में ही अग्रोहा-फतेहाबाद होते हुए हिसार से सिरसा रेल लाइन को स्वीकृति मिल गई थी। अब तो पैसा देना था। पूर्व सांसद के सुर में ही वर्तमान भी सुर मिला रहे हैं। हे प्रभु, अब इनकी सुनो। सिरसा के सांसद चरणजीत रोड़ी आपको कटघरे में लाते हुए कह रहे कि नई ट्रेन तो नहीं ही दी, ट्रैक से भी किनारा कर लिया। जमा खाली छोड़ दिया।

प्रभु, आपको दिल में बसाने वाले सूबे की भोली जनता भी आपसे आक्रोशित है। हालांकि आपने किराये में बढ़ोतरी नहीं कर फौरी राहत तो दी लेकिन यहां के लोगों को ट्रेन पकड़ने के लिए साठ किलोमीटर दूर जाने की चिंता किराये से ज्यादा सताती है। तभी तो 25 साल पवन, साठ साल के रामरतन, पैंसठ की रामप्यारी को आपका रेल बजट रास नहीं आया। वे कहते हैं कि अच्छे दिन की आस टूट रही है। व्यापारी व उद्योगपतियों की तो पूछो मत। राइस मिल, कॉटन मिल व पाइप फैक्टरी की बदहाली को रेल का सहारा नहीं मिल पाया।

.............

फ्लाप हुए सूबे के सांसद : तंवर

पूर्व सांसद अशोक तंवर कहते हैं कि यह बजट जुमलों पर आधारित है जिसका हकीकत से कोई सरोकार नहीं है। रेल मंत्री ने कहा था कि अर्थव्यवस्था के लिए रेल रीढ़ की हड्डी के समान है। मंत्री जी ने रेल व जनता की रीढ़ ही तोड़ दी। देश के साथ-साथ हरियाणा की जनता को भी निराशा ही हाथ लगी है। प्रदेश के पिछड़े इलाके तक रेल की उपेक्षा की गई है। तंवर कहते हैं कि इस रेज बजट ने प्रदेश के सभी, खासकर भाजपा सांसदों को फ्लाप साबित किया है। यह तय हो गया कि उनकी सरकार में चलती ही नहीं है।

...............

दिशाहीन है बजट : सांसद रोड़ी

सिरसा के सांसद चरणजीत सिंह रोड़ी का कहना है कि भाजपा सरकार का यह रेल बजट कतई दिशाहीन है। उन्होंने बजट पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसमें है क्या, यह समझ से परे है। न तो नई ट्रेन दी गई और न ही ट्रैक। प्रांत ने जिसे राज्यसभा पहुंचाया उन्होंने कुछ भी तो नहीं दिया। खाली रही हरियाणा की झोली।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.