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भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाकर लें अधिक पैदावार : डॉ. आभीर

फोटो 11 - मृदा जीर्णोद्धार व सहकारिता विकास पर इफको का जिलास्तरीय सम्मेलन आयोजित संवाद सूत्र, टो

By Edited By: Published: Wed, 26 Nov 2014 12:58 AM (IST)Updated: Wed, 26 Nov 2014 12:58 AM (IST)
भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाकर लें अधिक पैदावार : डॉ. आभीर

फोटो 11

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- मृदा जीर्णोद्धार व सहकारिता विकास पर इफको का जिलास्तरीय सम्मेलन आयोजित

संवाद सूत्र, टोहाना : खेती से ज्यादा पैदावार लेने के लिए जरूरी है कि भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाया जाए। इसके लिए मृदा का जीर्णोद्धार बेहतर विकल्प है। यह बात एसडीएम डॉ. जेके आभीर ने किसान विश्राम गृह में आयोजित इफको के जिलास्तरीय मृदा जीर्णोद्धार व सहकारिता विकास सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही। इस मौके पर इफको के वरिष्ठ अधिकारियों सहित मिनी बैंकों के प्रबंधक भी मौजूद थे।

एसडीएम ने कहा कि इफको द्वारा सहकारिता के माध्यम से खेती-किसानी के विकास के लिए बेहतर प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे उर्वरकों का इस्तेमाल किफायत के साथ करे और खादों का भंडारण न करे। उन्होंने कहा कि किसानों को परपरागत फसलों के साथ ही फल-सब्जी व बागवानी पर भी ध्यान देना चाहिए ताकि वे देश के विकास में योगदान दे सकें। उन्होंने कहा कि खाद वितरण में सहकारिता विभाग की अहम भूमिका है। सहकारिता के प्रमुख अंग मिनी बैंक और इफको हमारी खाद वितरण प्रणाली की रीढ़ है। इन सभी विभागों को आपसी समन्वय के साथ मिल-जुलकर काम करना चाहिए ताकि किसानों के सामने कोई दिक्कत न आए। उन्होंने कहा कि किसानों की संस्था होते हुए इफको अपनी सराहनीय सेवाओं के लिए उस मुकाम पर पहुची है जहा उसकी दुनिया में अलग पहचान बनी है।

इफको के राज्य विपणन प्रबंधक ऋषिपाल ने मिट्टी के स्वास्थ्य के सुधार के लिए जागरूक होकर काम करने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हर किसान मिट्टी की जाच करवाएं ताकि उसे अपने खेत में उपलब्ध पोषक तत्वों की जानकारी मिल सके और वह अधिक पैदावार ले सके। उन्होंने बताया कि सहकारिता के माध्यम से ही उर्वरक आपूर्ति की प्रणाली में मजबूती आई है और इससे किसानों को काफी सुविधा होती है। इफको के उपप्रबंधक डॉ. निरजन सिंह, डॉ. सत्यजीत यादव, सरदूल मान, रामपाल, एसएमएस डॉ. रामेश्वर दास, जगदीश चंद्र, मेजर सिंह, जोगेंद्र सिंह व दीपक आदि उपस्थित थे।


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