दिव्य दृष्टि यंत्र से सीखें ध्यान लगाना
फरीदाबाद, जागरण संवाद केंद्र : आधुनिकता के इस दौर में बढ़ते तनाव से मुक्ति पाने के लिए ध्यान-साधना बेहद जरूरी हो गई है। मानव जीवन के बाद मोक्ष पाने के लिए भी संत महात्मा ध्यान के महत्व पर प्रकाश डालते हैं।
इसी कड़ी में सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले में भी पर्यटकों को ध्यान-विधि सिखाने का काम किया जा रहा है। इसके लिए मेले में मौजूद स्टाल पर दिव्य दृष्टि यंत्र सहित विभिन्न प्रकार के यंत्र उपलब्ध हैं। इनके माध्यम से व्यक्ति तनाव से मुक्ति के गुर सीख रहे हैं। इस स्टॉल पर लोगों की भीड़ जमा रहती है।
स्टाल संचालक ने बताया कि ध्यान के माध्यम से आतरिक यात्रा के मार्ग पर तेजी से चला जा सकता है। ध्यान लगाने से प्रकृ ति के अनूठे रहस्य हमारी आखो के सामने आकर हमें आश्चर्यचकित कर देते हैं । यह एक ऐसी कला है जिसके साथ जुड़े रहने और इससे मिलने वाले अहसास की अनुभूति आपकी हर संासारिक समस्या का हल देकर आपको परमपिता परमेश्वर के प्रति समर्पण करने के लिए प्रेरित करती है।
स्टॉल संचालक ने बताया कि विभिन्न संत महात्माओं व देवी देवताओं ने ध्यान लगा कर ही विषय वासनाओं व भौतिक पदार्थो पर नियंत्रण पाकर परम पिता परमात्मा के दर्शन कर स्वयं प्रभु का रूप हो गए।
स्टाल संचालक के अनुसार इसके माध्यम से अंाखों का व्यायाम कराकर एकाग्रता को बढ़ा सकते हैं, साथ ही स्मरण शक्ति को बढ़ा कर दिल-दिमाग में उठने वाले नकारात्मक विचारों पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
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