दो निरीक्षकों की गिरफ्तारी ने लगाई भ्रष्टाचार पर मुहर
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : गृहकर के दो निरीक्षकों की गिरफ्तारी ने नगर निगम में फैले भ्रष्टाचार
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : गृहकर के दो निरीक्षकों की गिरफ्तारी ने नगर निगम में फैले भ्रष्टाचार पर मुहर लगा दी है। नगर निगम में गृहकर ही नहीं बल्कि पानी के बिलों में धांधली से लेकर विकास कार्यों में इस्तेमाल निर्माण सामग्री की गुणवत्ता पर भी अक्सर सवाल उठते हैं। सेक्टर-55 में एक ढाई वर्ग गज के 25 फीसद बने क्लीनिक का महज एक साल का गृहकर कभी 72 हजार तो कभी 46 हजार मांगकर जिस तरह गृहकर के दो निरीक्षकों ने बल्लभगढ़ के एक युवक जीतेंद्र पाल से रिश्वत के चार हजार रुपये हड़पने चाहे,उससे साफ है कि निगम में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। नगर निगम में एनआइटी, बल्लभगढ़, ओल्ड फरीदाबाद जोन में संयुक्त आयुक्त पद पर अधिकारियों को अतिरिक्त कार्यभार दिया हुआ है। बल्लभगढ़ में एसडीएम तो ओल्ड फरीदाबाद में सिटी मजिस्ट्रेट ने यह पदभार संभाला हुआ है। एनआइटी में निगम सचिव को संयुक्त आयुक्त का पदभार दिया हुआ है। ऐसे में ये तीनों ही अधिकारी विकास कार्यों पर नजर रखने से लेकर आम जनता की कितनी सुनवाई कर पाते होंगे, यह जनता के सामने है। विकास कार्यों में ठेकेदारों का भुगतान अब निर्माण सामग्री की गुणवत्ता रिपोर्ट के बाद ही किया जाएगा, यह निर्णय भी निगमायुक्त सोनल गोयल को इंजीनिय¨रग विभाग में फैले भ्रष्टाचार के कारण ही लेना पड़ा।
जब्त रिकार्ड खंगालने से निकलेगा भ्रष्टाचार असल जिन्न: बल्लभगढ़ के युवक जीतेंद्र पाल की शिकायत पर स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने नगर निगम के दो निरीक्षकों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। इनसे विजिलेंस टीम ने वह रिकार्ड भी जब्त किया है, जिसमें ये हेरा-फेरी करके भ्रष्टाचार करते थे। आरटीआइ कार्यकर्ता हेमंत अग्रवाल का कहना है कि विजिलेंस की टीम को इस जब्त रिकार्ड को खंगालना चाहिए। जीतेंद्र पाल से पहले गृहकर निरीक्षकों ने किस-किस के गृहकर रिकार्ड में समायोजित किए हैं,उनकी जांच संबंधित लोगों से पूछकर करनी चाहिए। यह जांच केवल बल्लभगढ़ के रिकार्ड में ही नहीं बल्कि तीनों जोन में करनी चाहिए।