खत्म हुआ महीना, नहीं खत्म हुई परेशानी
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद: नोटबंदी के एक महीने बाद भी लोगों को नकदी के संकट से निजात नहीं मिली। ब
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद: नोटबंदी के एक महीने बाद भी लोगों को नकदी के संकट से निजात नहीं मिली। बृहस्पतिवार सुबह से शाम तक कोहरे का असर बरकरार रहा तो इस बीच बैंकों की कार्यप्रणाली से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। कई बैंकों के बाहर लोग सुबह छह बजे से कतार में लग गए थे, लेकिन नौ बजे जब बैंक खुले तो पता चला कि कैश ही नहीं है। बैंकों के बाहर नो कैश का नोटिस चस्पा कर दिया गया। लोगों ने सर्दी में ठिठुरते हुए परेशानी झेली।
लोग एनआइटी फरीदाबाद, सेक्टर एरिया तथा बल्लभगढ़ के बैंकों के एटीएम की ओर भी चक्कर लगाते रहे। नीलम बाटा रोड स्थित स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर का एटीएम दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक खराब रहा। तकनीकी खराबी आ जाने से भी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। एनआइटी सारन रोड स्थित केनरा बैंक में भी कैश नहीं बांटा गया।
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बल्लभगढ़ में रही दिक्कतें
बल्लभगढ़ के बैंकों में भी दिक्कतें रहीं। मथुरा रोड स्थित एसबीआइ की मुख्य शाखा के बाहर नोटिस चस्पा कर दिया गया कि आज नगदी नहीं है। सुबह सात बजे से ही लोगों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था। सेक्टर-23 निवासी धर्मेंद्र ने बताया कि कई दिनों से बैंक में चक्कर लगा रहे हैं। आज उम्मीद थी, लेकिन बैंक के बाहर नोटिस लगाया गया है कि कैश नहीं है। मुजेसर निवासी मनमोहन ¨सह ने भी नाराजगी जताई कि उनके जरूरी कार्य प्रभावित हो रहे हैं, लेकिन नकदी नहीं मिल पा रही है।
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नोटबंदी के एक महीना बीत जाने के बाद भी बैंकों की कार्यप्रणाली में सुधार नहीं आया है। अब भी बैंकों से जरूरत के मुताबिक नोट नहीं निकाल पा रहे हैं।
-हरीश जैन।
नोटबंदी के बाद नए-नए फैसले आ रहे हैं। लोग परेशान हैं, जाएं तो कहां जाएं। बैंकों के सिस्टम को ठीक किए जाने की जरूरत है। हर एटीएम में नोट होने चाहिए, ताकि जरूरत के वक्त निकाले जा सकें।
-रामजी लाल।