फेसबुक पर बन गया था 'जस्टिस फॉर पूजा तिवारी' का पेज
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : महिला पत्रकार पूजा तिवारी की मौत के बाद पुलिस की डॉक्टर दंपती के खिला
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद :
महिला पत्रकार पूजा तिवारी की मौत के बाद पुलिस की डॉक्टर दंपती के खिलाफ की गई कार्रवाई किसी के गले नहीं उतर रही थी। शहर में आम चर्चा यह होने लगी थी कि पुलिस घटना के समय मौके पर मौजूद पुलिस इंस्पेक्टर अमित वशिष्ठ को बचाने में जुटी है। यही कारण रहा कि पूजा को जानने वाले कुछ लोगों ने सीधे मीडिया के स्थानीय कार्यालय आकर न सिर्फ अपने बयान दर्ज कराए, बल्कि फेसबुक पर 'जस्टिस फॉर पूजा तिवारी' का पेज भी बनाया। इस पर पिछले दो दिन में सैंकड़ों लोगों ने कमेंट दिए तथा तीन हजार लोगों ने यह पेज लाइक किया। इस पेज पर मणि शंकर ने पूजा की मौत पर जागरूकता के लिए कैंडल मार्च निकालने की सलाह दी थी तो इंदौर पब्लिक स्कूल की एलूमनी एसोसिएशन (पूर्व छात्रों का संगठन) ने पूजा की मौत का आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या करार दिया था। छात्रों का दावा था कि पूजा इतनी कमजोर नहीं थी कि वह आत्महत्या करे। वह संघर्षशील पत्रकार थी।
इस मामले में सोशल साइट पर फरीदाबाद पुलिस के खिलाफ आम व खास लोगों का गुस्सा लगातार बढ़ रहा था। जब पूजा की मौत से पहले की ऑडियो वायरल हुई तो हर किसी की जुबान पर यही था कि पूजा ने आत्महत्या नहीं की, बल्कि उसकी हत्या हुई है और अब पुलिस इंस्पेक्टर से कड़ी पूछताछ होनी चाहिए।
पूजा को जानने वाले पत्रकार भी इसलिए ऐसे तथ्य जुटाने में जुट गए थे जिनसे अमित पर पुलिस का शिकंजा कसा जा सके क्योंकि पुलिस में अमित के दोस्त उसे बचाने का प्रयत्न कर रहे थे। अपराध देख रहे स्थानीय पत्रकारों के पास तो यह भी सूचना थी कि अमित के निजी दोस्त पोस्टमार्टम के समय सरकारी अस्पताल में पूजा के परिजनों को घेरकर खड़े थे। इससे स्थानीय मीडिया का अमित पर शक ज्यादा गहरा हुआ।