डेढ़ करोड़ खर्च, फिर भी पेयजल किल्लत
सुनील गौड़, फरीदाबाद : नगर निगम की अनदेखी के कारण वार्ड नंबर 21 के लोगों की प्यास नहीं बुझ नहीं है
सुनील गौड़, फरीदाबाद : नगर निगम की अनदेखी के कारण वार्ड नंबर 21 के लोगों की प्यास नहीं बुझ नहीं है। इस क्षेत्र में एक दशक में लगाए गए 20 ट्यूबवेलों में से तीन ट्यूबवेल ही पानी दे रहे हैं। पानी ना मिलने पर इन टयूबवेलों को लगाने पर खर्च किए गए करीब डेढ़ करोड़ रुपये मटियामेट होते दिख रहे हैं।
पल्ला पुल नहर पार वार्ड नंबर-21 में चार गांव व करीब 20 कालोनी आती हैं, जहां पर हजारों की आबादी रह रही है। इस क्षेत्र की प्यास बुझाने के लिए नगर निगम ने 10 साल में गांव बसंतपुर, बसंतपुर-एक, अगवानपुर, सरस्वती प्रापर्टी डीलर के पास, सेहतपुर, पंचशील कालोनी, सूर्या विहार 91 व अन्य कालोनियों में 20 ट्यूबवेल लगाए गए। एक ट्यूबवेल लगाने पर 7 से 10 लाख रुपये का खर्च आता है। इस तरह इन ट्यूबवेलों को लगाने में डेढ़ से दो करोड़ रुपये खर्च किए गए। पानी सप्लाई के लिए पाइप लाइन भी बिछाई गई। चैंबर भी बनवाए गए। बावजूद जनता प्यासी है, क्योंकि तीन ट्यूबवेलों से ही पानी की सप्लाई हो रही है। बाकी 17 टयूबवेल विभिन्न प्रकार की कमी के कारण नहीं चल पा रहे हैं। किसी ट्यूबवेल का कनेक्शन नहीं किया गया तो कहीं पर बोर करके ही छोड़ दिया गया है। इतना ही नहीं जो ट्यूबवेल चल भी रहे हैं, उन पर आपरेटर भी नहीं हैं। ट्यूबवेलों की अनदेखी के कारण लोगों को भरपूर पानी नहीं मिल रहा है।
हमारे गांव में पानी सप्लाई के लिए कई साल पहले सीवर बिछाई गई थी और एक ट्यूबवेल लगाया गया। लेकिन आज तक उस ट्यूबवेल का आज तक सीवर लाइन से कनेक्शन नहीं किया गया, जिस कारण लोगों को पानी नहीं मिल रहा है।
-सुखराज अवाना, गांववासी, बसंतपुर।
गांव सेहतपुर, स्कूल में लगा ट्यूबवेल और पार्क वाला ट्यूबवेल चल रहा है, जबकि अन्य ट्यूबवेलों से पानी नहीं आ रहा है। इससे बेहतर तो ट्यूबवेल भी नहीं लगाए जाते तो अच्छा होता।
-नितिन, गांव वासी।
मुझे इन ट्यूबवेलों के बारे में जानकारी नहीं है, जहां मैंने ट्यूबवेल लगवाए, वह ट्यूबवेल चल रहे हैं। इस बारे में निगम अधिकारी ही बेहतर बता सकते हैं।
-ओमप्रकाश रक्षवाल, पार्षद, वार्ड-21।
नगर निगम द्वारा लगवाए गए सभी ट्यूबवेल चालू हालत में है। अगर कोई टयूबवेल नहीं चल रहा है तो उसे चेक करा लिया जाएगा।
-रामप्रकाश, कार्यकारी अभियंता, नगर निगम।