जाट आरक्षण पर तोल-मोल के बोल रहे नेता
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद: जाट आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जिले में चुने हुए नेता दो
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद:
जाट आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जिले में चुने हुए नेता दो खेमों में बंटे नजर आते हैं। प्रदेश की भाजपा सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे बसपा विधायक टेकचंद शर्मा ने तो खुलेआम जाट आरक्षण का विरोध करते हुए कहा है कि आरक्षण केवल आर्थिक आधार पर ही दिया जाना चाहिए। केंद्रीय राज्यमंत्री एवं स्थानीय सांसद कृष्णपाल गुर्जर और जिले में भाजपा के तीनों विधायक भी उनके सुर में सुर मिलाते केंद्रीय नेतृत्व के निर्णय की ओर देख रहे हैं। बुधवार को गुर्जर ने हथीन के जाट बाहुल्य क्षेत्रों का दौरा किया, तब भी उन्होंने कहा कि जाट आरक्षण पर केंद्रीय नेता उचित निर्णय लेंगे। इनेलो के विधायक नगेंद्र भड़ाना कहते हैं कि जाट आरक्षण पर वे पार्टी के साथ हैं, मगर न्यायिक प्रक्रिया का सम्मान होना चाहिए। कांग्रेस विधायक ललित नागर कहते हैं कि कांग्रेस ही जाटों को आरक्षण देना चाहती है, इसलिए पार्टी ने सरकार में रहते हुए विभिन्न न्यायालयों में इस बाबत मजबूती से पैरवी की थी। अब भाजपा सरकार ने इसमें ढील दे दी तो सबकुछ उलट-पलट हो गया। हालांकि ये नेता पार्टी लाइन से अलग हटकर अपने समर्थकों में जाट आरक्षण को उचित नहीं मानते। इनका कहना है कि कम से कम हरियाणा में जाटों को आरक्षण की जरूरत नहीं है।
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सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद प्रदेश स्तरीय नेताओं ने केंद्रीय नेताओं से इस बाबत विस्तृत चर्चा की है। जाट आरक्षण के मुद्दे पर शीघ्र ही न्यायिक दृष्टि से उचित निर्णय लिया जाएगा। जो जिसका हक है, वह उसे पूरा दिया जाएगा, इसमें भाजपा सरकार कोई गुरेज नहीं करेगी।
-कृष्णपाल गुर्जर, सांसद एवं केंद्रीय राज्यमंत्री।
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सुप्रीम कोर्ट का फैसला सर्वोपरि है। कांग्रेस सरकार ने जाट आरक्षण के मुद्दे पर सभी तथ्यों को लेकर पैरवी की थी मगर अब भाजपा सरकार कोर्ट के समक्ष इस बाबत पैरवी करने में चूक कर गई है। हमें इसमें सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करना चाहिए।
-ललित नागर, कांग्रेस, विधायक, तिगांव।
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मैं तो आर्थिक आधार पर आरक्षण का पक्षधर हूं। आरक्षण का लाभ गरीब, पिछड़े वर्ग को मिले, चाहे वह किसी भी जाति का हो। गरीब व पिछड़े की कोई जाति नहीं होती। हमें उसके उत्थान के बारे में सोचना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट इस देश की सर्वोच्च न्यायिक संस्था है, हमें उसके फैसले का सम्मान करना चाहिए।
-टेकचंद शर्मा, विधायक, पृथला।
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इनेलो ने जाट आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा के लिए अगले सप्ताह एक बैठक बुलाई हुई है। इसमें सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भी चर्चा होगी। इसके बाद ही पार्टी का मत तय होगा। प्रदेश में यह एक संवेदनशील मामला है, हम इसे न्यायिक प्रक्रिया पूरा करके ही सुलझाने की हिमायत करेंगे।
- नगेंद्र भड़ाना, इनेलो, विधायक, एनआइटी।