अवैध दुकान लगाने वालों ने आग के नाम पर की कमाई
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : दीपावली से दो दिन पहले दशहरा मैदान एनआइटी में करीब 250 पटाखा दुकान
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद :
दीपावली से दो दिन पहले दशहरा मैदान एनआइटी में करीब 250 पटाखा दुकानों में लगी आग में बहुत बड़ी मात्रा में आतिशबाजी जलकर खाक हो गई। इसका असर बुधवार को छोटी दीपावली पर शहर में पटाखों की अवैध दुकानों पर दिखाई दिया। उन्होंने आग में स्टाक खत्म हो जाने के नाम पर ऊंचे दामों पर पटाखे बेचे।
मोमबत्ती की आड़ में बिके पटाखे
प्रशासन ने पटाखा बेचने के लिए शहर में छह जगहें निर्धारित की हैं। इनके अलावा भी बड़ी संख्या में लोग मुख्य बाजारों, सेक्टरों व कालोनियों में पटाखों की छोटी-छोटी अवैध दुकानें लगा लेते हैं। इन्हें प्रशासन से किसी तरह की अनुमति प्राप्त नहीं होती। इस तरह की दुकानें शहर के लगभग हर इलाके में लगती हैं। हालांकि मंगलवार के हादसे के बाद इस तरह की दुकान लगाने वाले डरे-डरे दिखे। उन्हें डर था कि अब पुलिस उन्हें तंग करेगी। इसलिए लोगों की नजर में आने से बचने के लिए दुकानों के आगे मोमबत्तियां व सजावट का सामान लगा रखा था। उन्होंने केवल पहचान वालों के लोगों को ही पटाखे बेचे। अगर कोई अनजान व्यक्ति ने उनसे पटाखे के लिए पूछा तो उन्होंने कह दिया कि पटाखे नहीं रखते सिर्फ मोमबत्ती बेचते हैं। इसके अलावा इन दुकानदारों ने पटाखों के दाम भी ऊंचे कर दिए। एक दिन पहले पटाखे की जो थैली 20 रुपये तक में मिल रही थी, उसके 40 से 60 रुपये वसूल रहे थे। इसके अलावा राकेट व चरखी के दाम भी 20 से 30 रुपये बढ़ा दिए थे। अगर कोई पूछता कि इतने रेट क्यों बढ़ा दिए तो वे लोगों के सामने अखबार रख देते कि सारे पटाखों में आग लग गई है। पीछे से माल नहीं आ रहा। इसलिए दाम बढ़ा दिए हैं।
प्रशासन का भय नहीं
सूरजकुंड क्षेत्र में पटाखों की अवैध दुकान लगाने वाले एक दुकानदार ने बताया कि वह पिछले कई साल से इसी तरह से पटाखे बेच रहे हैं। पहले पुलिस वाले तंग करते थे। अब पुलिसवाले पहले ही आकर पैसे ले जाते हैं और अपना धंधा धड़ल्ले से चलता है। मंगलवार के अग्निकांड के बाद पुलिस की ओर से सख्ती किए जाने का डर है, हालांकि अभी तक कुछ नहीं हुआ है।