हादसे से उबर नहीं पा रहे हैं लोग
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद : एनआइटी दशहरा मैदान में मंगलवार रात पटाखा बाजार में हुए अग्निकांड के स
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद :
एनआइटी दशहरा मैदान में मंगलवार रात पटाखा बाजार में हुए अग्निकांड के सदमे से दुकानदार उबर नहीं पा रहे हैं। जबरदस्त आग के बीच से जान बचाकर भागे दुकानदार अब भी उस पल को याद कर सिहर उठते हैं। हर कोई भगवान का शुक्रिया अदा कर रहा है कि हादसे में वे बाल-बाल बच गए। भगदड़ में कुछ पल के लिए अपनों से बिछड़े लोग उस पल को याद भी नहीं करना चाहते हैं।
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मैं उस समय अपनी दुकान पर बैठा था। साथ में मेरी पत्नी और बच्चे भी थे। शाम को करीब 6.30 बजे शोर मचा, सामने देखा तो आग की लपटें उठती दिखाई दी। मैने अपने बच्चों को उठाया और पत्नी को भी भागने को कहा। बस एक मिनट की और देर हो जाती तो भगवान जाने क्या होता, सोच कर भी दिल घबरा जाता है।
- मदनलाल, पटाखा विक्रेता।
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शाम को दुकान पर बैठे हुए अचानक पटाखे बजने की आवाज सुनाई देने लगी। देखा तो सामने आग लगी हुई थी, स्थिति समझते देर नहीं लगी। दुकान पर मौजूद अन्य साथियों को भी भागने के लिए कहा। जिसे जहां जगह मिली जान बचाकर भागा। भगवान का शुक्र है कि सब बच गए। अग्निकांड से लाखों का नुकसान हुआ है।
- योगेश।
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मेरे पापा पिछले करीब 15 साल से पटाखों की दुकान लगा रहे हैं। इस बार भी लगाई थी। शाम को दुकान जमा कर बैठे ही थे कि अचानक भगदड़ मच गई और पटाखों की आवाजें आने लगी। मैं अपने पापा के साथ वहां से भागा। स्टाल के सामने ही हमारी गाड़ी भी खड़ी थी, वह भी अग्निकांड की भेंट चढ़ गई।
- नितिश।
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इस हादसे में तो हमारा सब कुछ बर्बाद हो गया। लाखों रुपये के पटाखे लगाए थे, वो जलकर राख हो गए। उस पल को याद करते ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। आग लगते ही हर तरफ चीख पुकार मची हुई थी। हर कोई अपनी जान बचाने के लिए भाग रहा था। जब तक लोग अपनों से मिल नहीं लिए, उनका दिल बैठा जा रहा था। अंधेरा होने और फोन ठप होने से भी दिक्कतें बढ़ गई, पर भगवान का शुक्र है कि हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ, सब सुरक्षित हैं।
- गौरव।