सेमी हाईस्पीड ट्रेन चलाने के लिए रेलवे ट्रैक होंगे दुरुस्त
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद :
दिल्ली-फरीदाबाद-आगरा रेल मार्ग पर सेमी हाईस्पीड ट्रेन चलाने की योजना में आड़े आ रही बाधाएं जल्द दूरी होंगी। रेलवे ट्रैक किनारे सुविधा अनुरूप बनाए गए अवैध रास्तों को जल्द बंद किया जाएगा। ट्रैक किनारे जाली लगाई जाएंगी, ताकि लोग और पशु न जा सकें।
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केंद्र सरकार ने पिछले साल रेल बजट के दौरान दिल्ली-फरीदाबाद-
आगरा रूट पर ट्रेनों की गति 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार को 160 किलोमीटर प्रति घंटे बढ़ाने की घोषणा की थी। हाईस्पीड ट्रेन चलाने के मकसद से स्पेशल गाड़ी से दो बार ट्रायल हो चुका है। ट्रायल के दौरान स्थायी गतिरोध होने के कारण स्पेशल गाड़ी को ओल्ड फरीदाबाद और बल्लभगढ़ रेलवे स्टेशन से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से निकाला गया था। क्योंकि रेलवे लाइन किनारे खुले कटों के कारण हादसा होने का डर रहता है। इस कमी को दूर करने के लिए मंडलीय रेलवे प्रबंधक (डीआरएम) अनुराग सचान ने पिछले दिनों इस रूट का निरीक्षण कर खुले कटों को बंद कराने के लिए रेलवे सुरक्षा बल व इजीनियरिग विभाग को निर्देश दिए हुए हैं। इसके साथ ही ट्रैक किनारे झुग्गियों को हटाने के लिए कहा था, ताकि हाईस्पीड ट्रेन चलाने में किसी तरह की बाधा ना आए। इसके चलते रेल अधिकारियों ने न्यू टाउन रेलवे स्टेशन के पास रेलवे लाइन के किनारे बसे लोगों को नोटिस देकर झुग्गियां हटाने के लिए कहा है।
स्टेशन तक हैं 40 अवैध कट
जक्शन केबिन से पलवल रेलवे स्टेशन तक करीब 50 अवैध कट हैं। जहां से लोगों का आवागमन रहता है। अवैध कट बनाए जाने के कारण कई बार लोगों की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई है। जब तक इन रास्तों को बंद नहीं किया जाएगा, तब तक हाईस्पीड ट्रेन चलाने की योजना सफल नहीं हो पाएगी। इसलिए असावटी और पलवल के बीच बीच जल्द ही लोहे की ग्रिल लगाने का काम शुरू होगा। इस काम के लिए टेंडर भी कर दिया गया है।
ट्रैक होंगे दुरुस्त
ट्रायल के दौरान स्पेशल गाड़ी को ओल्ड फरीदाबाद और बल्लभगढ़ रेलवे स्टेशन से 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से निकाला गया। क्योंकि ट्रैक कुछ तिरछे हैं, उसकी वजह से स्पेशल गाड़ी की गति कम रहती है। जहां-जहां इस तरह की समस्या है, उन ट्रैक को भी सीधा किया जाएगा।
अधिकारियों ने किया निरीक्षण
रेलवे अधिकारियों ने बुधवार को सेक्टर-20बी में बन रहे डीएमआरसी की दीवार का निरीक्षण किया। रेलवे अधिकारियों को डीएमआरसी की दीवारी पसंद आई है और इसी तरह की दीवार बनाने के लिए अधिकारियों की ओर से हरी झंडी मिल गई है।