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गो तस्कर छुड़ा रहे पुलिस के छक्के

By Edited By: Published: Wed, 30 Jul 2014 01:02 AM (IST)Updated: Wed, 30 Jul 2014 01:02 AM (IST)
गो तस्कर छुड़ा रहे पुलिस के छक्के

अमित भाटिया, फरीदाबाद :

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गो तस्कर अब पुलिस पर भी भारी पड़ने लगे हैं। गाय चुराकर भागते समय पुलिस से आमना-सामना होने पर डरकर भागने की बजाय वह सीधी टक्कर दे रहे हैं। हाल में इस तरह की दो वारदात सामने आ चुकी हैं। पुलिस वाहनों में टक्कर मारने के अलावा बदमाश फायरिंग करने से भी नहीं चूक रहे। पुलिस अधिकारी भी मान रहे कि गो तस्कर दुस्साहसिक ढंग से वारदात कर है। लेकिन उन पर लगाम कसने में वह पुलिसकर्मियों की संख्या व संसाधनों का अभाव बताकर पल्ला झाड़ लेते हैं।

शहर में गो तस्करों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। 12 जुलाई को ही मिल्क प्लांट रोड पर गो तस्करों ने जब खुद को पुलिस से घिरा देखा तो पुलिस जिप्सी की सामने से सीधी टक्कर मार दी थी। इसके अलावा पुलिस टीम पर फायरिंग भी की गई। घटना में गो रक्षा समिति अध्यक्ष की कार में एक गोली लगी थी। भागने की कोशिश में एक बदमाश को पुलिस ने दबोच भी लिया था। लेकिन घटना में शामिल अन्य बदमाशों को पुलिस अब तक नहीं पकड़ पाई है।

पुलिस से बेखौफ गो तस्करों ने एक बार फिर 27 जुलाई को नहर किनारे सेक्टर-3 की तरफ जाने वाले रास्ते पर पुलिस टीम व गो रक्षकों पर ताबड़तोड़ फायर करने की। हालाकि इस बार पुलिस ने चार गो तस्करों सुनील, सचिन, मुबीन व अखलाक को धर दबोचा। आरोपी टीकरी खेड़ा तथा पुन्हाना के रहने वाले हैं। इनके तीन साथी भागने में सफल रहे।

पुलिस अधिकारियों की मानें तो गो तस्कर इलाके की भौगोलिक स्थिति से भली भांति परिचित हैं। पुलिस से जब भी वास्ता पड़ता है वह चकमा देकर संकरे रास्तों का प्रयोग कर भागने में सफल रहते हैं। जबकि घटना के बाद पुलिस मुख्य मागरें पर ही नाकाबंदी करके रह जाती है। इसके अलावा गो तस्कर अपनी गाड़ी में हमेशा नुकीले पत्थर लेकर चलते हैं। पुलिस से सामना होने पर फौरन वह पथराव कर देते हैं। इसके अलावा वह फायरिंग से भी नहीं चूकते। जबकि पुलिस कर्मी एकाएक हुए हमले से जब तक संभल पाते हैं गो तस्कर गाड़ी लेकर भाग निकलने में सफल रहते हैं।

मोटी कमाई है गो तस्करों की

गाय का वध करने के पश्चात तस्कर केवल मास ही नहीं बल्कि उसके बाल, खाल और हड्डी तक बेच डालते हैं। इससे उनकी मोटी कमाई होती है। मास और खाल की खपत दिल्ली में ही होती है, बाकी बाल और हड्डी मेरठ में जाकर बेची जाती है। एक गाय का वध करके तस्करो को 40 से 50 हजार रुपये तक मिल जाते है। एक रात में कम से कम वह पांच से छह गाय चुराकर ले जाते हैं। लाखों रुपये के मुनाफे के कारण ही इस धंधे में लगे बदमाश पुलिस पर हमले से भी गुरेज नहीं करते हैं।

गो रक्षा सेल का नहीं अता पता

गो तस्करी की बढ़ती घटनाओं तथा तस्करों के बुलंद हौंसलों को देखते हुए पिछले साल पुलिस ने गो रक्षा सेल का गठन किया था। वह सेल केवल इसी तरह की घटनाओं से निपटने के लिए बनाया गया था। मगर उसमें तैनात निरीक्षक उदय राज के पदोन्नत हो उपाधीक्षक बन जाने के बाद इस सेल का कुछ अतापता नहीं है।

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सामने आई वारदात

4 मई 13 - सैनिक कालोनी मोड़ पर जिम संचालक पर गो तस्करों ने चलाई गोली।

29 मई 13 -गो तस्करों ने संजय कालोनी व धौज चौकी पुलिस के नाके में टक्कर, पुलिस पर जानलेवा हमला।

23 अगस्त 13- गाव सीही में गो तस्करों ने दिलीप की गोली मारकर हत्या की।

12 जुलाई 14-मिल्क प्लाट रोड पर गो तस्करों ने पुलिस व गो रक्षा समिति के सदस्यों पर गोलिया चलाई।

27 जुलाई 14 - नहर के किनारे सेक्टर-3 की तरफ जाने वाले रोड पर पुलिस टीम पर फायरिंग की

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सख्ती से निपटा जा रहा है

गो तस्करों की गतिविधियों पर नजर रखने में मुखबिर तंत्र का सहारा लिया जा रहा है। पुलिस गो तस्करों से पूरी सख्ती से निपट रही है। हाल में पकड़े गए तस्करों से मिली जानकारी के आधार पर छापेमारी भी की जा रही है। उनके मंसूबों को विफल करने के लिए रात्रि गश्त भी बढ़ाई गई है।

-फूल कुमार, डीसीपी, एनआइटी।


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