बम-बम भोले के नारों से गूंजा पलवल
संवाद सहयोगी, पलवल : जैसे-जैसे शिवरात्रि का दिन नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे हरिद्वार व गंगोत्री से कांवड़ लेकर आने वाले कांवडि़यों का भी आना शुरू हो गया है। सीमा कांवडि़यों द्वारा लगाए जा रहे शिविर बम-बम भोले के नारों से गूंजने लगी है। शिविर में कहीं कांवडि़ये आराम कर रहे हैं तो कहीं महिलाएं भजन गा रही हैं।
पलवल जिले की सीमा शुरू होते ही पुलिस व प्रशासन ने कांवड़ियों की सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए हैं। सड़क किनारे बैरिकेट लगाकर रस्सी बांधी हुई है और कांवड़ियों के लिए अलग से जगह बनाई गई है। केसरिया रंग की टी-शर्ट में कांवड़ ले आ रहे कांवड़ियों का शिविरों में भी स्वागत किया जा रहा है। इस बार शिविरों में कांवड़ियों के लिए आयोजकों ने टोकन की व्यवस्था की गई है। टोकन द्वारा ही उन्हें ठहरने व खाने का प्रबंध किया गया है। हरिद्वार से कांवड़ लेकर आई होडल की एक 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला की शिविर में सेवा कार्यो में जुटी महिलाएं स्वागत कर रही हैं। श्रीराम कृष्ण संकीर्तन मंडल के तत्वावधान में अलावलपुर चौक पर लगाए गए पांचवें कांवड़ शिविर में कांवडि़यों के लिए खानपान का पूरा ध्यान रखा गया है। मंडल के पदाधिकारी बिजेंद्र कौशिक, चेतन शर्मा, मूलचंद व लेखपाल शिविर में कांवडि़यों की सेवा में जुटे हैं।
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मैं पिछले कई सालों से कांवड़ लेकर आ रहा हूं। इस बार शिविरों में इंतजाम अच्छा है। 25 जुलाई को मैं होडल पहुंचकर भगवान शिव की प्रतिमा पर जल चढ़ाऊंगा।
-जय चंद, कांवडि़यां
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मैं हरिद्वार से कांवड़ लेकर आया हूं। मुझे शिविर में ठहरकर वहां सेवा कार्य में जुटे कार्यकर्ताओं को देखकर अच्छा लगा।
-जयवीर, कांवडि़यां
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इस बार पुलिस व प्रशासन के अच्छे इंतजाम हैं। शिविरों में कांवड़ियों की पूरी सेवा हो रही है। भगवान शिव का भक्त हूं। हरिद्वार से कांवड़ लेकर आया हूं।
-अमर सिंह, कांवडि़यां
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मैं 24 जुलाई को होडल पहुंच जाऊंगा। मुझे खुशी है कि मैं कांवड़ लेकर अपने घर पहुंच रहा हूं और भगवान शिव की प्रतिमा पर जल चढ़ाऊंगा।
-नरेश, कांवड़ियां