जलजनित बीमारियों की चपेट में आ रहे लोग
अनिल बेताब, फरीदाबाद :
जिले में आपूर्ति किया जा रहा अशुद्ध पानी तथा कच्ची बर्फ जलजनित बीमारियों का सबब बन रही है। सरकारी तथा निजी अस्पतालों में डायरिया तथा पीलिया के मरीज बढ़ने लगे हैं। जिला स्वास्थ्य विभाग की ओर से लिए गए पानी के अधिकांश नमूने फेल होने से चिंता बढ़ गई है।
बादशाह खान अस्पताल के प्रधान चिकित्सा अधिकारी डॉ. कृष्ण कुमार के अनुसार ओपीडी में प्रतिदिन 25-30 मरीज डायरिया के आ रहे हैं। इनमें से रोजाना डायरिया के 5-6 मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। सरकारी प्रयोगशाला में रोजाना पीलिया संदिग्ध 25-30 मरीजों की जांच की जा रही है। प्रतिदिन चार, पांच मरीजों में पीलिया की पुष्टि की जा रही है।
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पानी के नमूने आ रहे फेल
जिला स्वास्थ्य विभाग ने महीने भर में विभिन्न क्षेत्रों से पानी के 220 नमूने लिए थे। इनमें से 214 नमूने फेल आए हैं। कुल लिए गए नमूनों में से 130 नमूने ट्यूबवेल के पानी के थे।
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बर्फ फैक्ट्री के पांच नमूने फेल
जिला स्वास्थ्य विभाग ने बर्फ फैक्ट्री से पानी के नौ नमूने लिए थे। इनमें से पांच नमूने फेल आए हैं।
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कोलीफॉर्म बैक्टीरिया से पनपता है डायरिया
कच्ची बर्फ में कोलीफॉर्म बैक्टीरिया होता है, जो आमतौर पर डायरिया का कारण बनता है। इसके अलावा पेट संबंधी अन्य संक्रमण का भी खतरा रहता है।
-डॉ.जसवंत सिंह।
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क्या बरतें सावधानी
-पानी उबाल कर पीएं।
- शौच के बाद हाथ अवश्य धोएं
-खुले में बिक रहे कटे व सड़े-गले फल न खाएं तथा दूषित भोजन या खाद्य पदार्थ न लें।
-पानी में क्लोरीन की गोली मिलाकर ही पीएं।
-डायरिया या पीलिया होने पर ओआरएस का घोल पीते रहें। अधिक से अधिक ग्लूकोज का इस्तेमाल करे।
-चावल का सूप, दाल का पानी पीएं तथा दलिया व खिचड़ी आदि खाएं।
- बासी भोजन न लें
-डॉ.केसी.गोयल, जिला स्वास्थ्य विभाग, पलवल।
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पीलिया के लक्षण
भूख न लगना, हल्का बुखार व थकावट होना, पेट दर्द, उल्टी महसूस होना, आंखें पीली हो जाना तथा पेशाब पीला आना पीलिया के प्रमुख लक्षण हैं।