बीट प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए मंथन शुरू
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद :
पुलिस कमिश्नरी में बीट व्यवस्था दिल्ली की तरह मजबूत बनाने को लेकर कवायद चल रही है। इसके तहत बीट इंचार्ज को अपने क्षेत्र का संपूर्ण रिकार्ड बनाने के लिए सत्यापन अभियान चलाना पड़ेगा। इससे पूरे मोहल्ले का एक डाटा तैयार होगा। इस अभियान में मकान मालिक का सहयोग बेहद जरूरी है। अवज्ञा पर सीआरपीसी की धारा 188 के तहत कानूनी कार्रवाई भी होगी।
पुलिस प्रशासन में माना जाता है कि अपराध नियंत्रण में बीट ऑफिसर अहम भूमिका निभाता है। यही नहीं जिले में पुलिसकर्मियों की कमी के चलते भी बीट व्यवस्था तमाम गतिविधि पर बेहतर नजर रखने में कारगर रहती है।
पुलिस आयुक्त एएस चावला मासिक बैठक में सभी थाना व चौकी प्रभारियों से राय मश्विरा कर चुके हैं। पुलिस अधिकारी बीट व्यवस्था को अपराध नियंत्रण व उन्हें सुलझाने के लिए कारगर उपाय तो मानते हैं लेकिन इसका स्थायित्व नहीं हो पाया।
जिले में ट्रैफिक थाना, जीआरपी व आरपीएफ को छोड़कर 18 थाने हैं। इनके अधीन 42 चौकियां है। मकान व आबादी के बोझ के लिहाज से बड़े थाने सूरजकुंड, सेक्टर-55, शहर बल्लभगढ़, सराय और एसजीएम नगर है। रिहायशी क्षेत्र के साथ-साथ औद्योगिक क्षेत्र की जिम्मेदारी थाना मुजेसर, सेक्टर-55, सेक्टर-31, सराय और सेक्टर-सात पर ज्यादा है। करीब 3600 पुलिसकर्मी है, जिनमें अधिकारी समेत संपूर्ण लाव-लश्कर शामिल है।
1 अगस्त, 2009 में पुलिस कमिश्नरी बनी थी। वर्ष 2011 में तत्कालीन पुलिस आयुक्त शत्रुजीत सिंह कपूर ने बीट प्रणाली लागू की थी, जो अनन्य कारणों के चलते सिरे नहीं चढ़ पाई।
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लाइफ स्टाइल पर रखी जाएगी पैनी नजर
बीट इंचार्ज को अपने क्षेत्र में प्रत्येक नागरिक का व्यक्तिगत प्रोफाइल भी तैयार करना होगा। वह इस बात पर नजर रखेगा कि कोई भी शख्स अपनी आय के स्रोत से बहुत ज्यादा अच्छे लाइफ स्टाइल में जी रहा है तो संदेह के आधार पर उसके बारे में गोपनीय छानबीन शुरू होगी।
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निसंदेह दिल्ली में बीट व्यवस्था मजबूत है। उसके चलते कई बड़े अपराध सुलझे हैं और कई अपराधी पकड़े जाते हैं। जल्द ही जिले में पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ने वाली है। इसके बाद बीट व्यवस्था लागू करना मुश्किल काम नहीं होगा।
- देवेंद्र यादव, पुलिस उपायुक्त क्राइम।