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दिव्यांगों के लिए प्रदेश के 22 जिलों में लगाई जाएंगी मोबाइल अदालत : दिनेश शास्त्री

जागरण संवाददाता, भिवानी : हरियाणा सरकार ने प्रदेश में चार लाख 55 हजार के लगभग दिव्यांगों के कल्याण क

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 May 2017 01:00 AM (IST)Updated: Tue, 30 May 2017 01:00 AM (IST)
दिव्यांगों के लिए प्रदेश के 22 जिलों में लगाई जाएंगी मोबाइल अदालत : दिनेश शास्त्री
दिव्यांगों के लिए प्रदेश के 22 जिलों में लगाई जाएंगी मोबाइल अदालत : दिनेश शास्त्री

जागरण संवाददाता, भिवानी : हरियाणा सरकार ने प्रदेश में चार लाख 55 हजार के लगभग दिव्यांगों के कल्याण के लिए कमर कसते हुए दिव्यांगों के लिए 1995 में बने एक्ट में संशोधन कर प्रश्न विद डिसेबल एक्ट-2016 बनाया है। जिसमें दिव्यांगों के कल्याण के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के तहत काम करने वाले बोर्ड ने अनेक प्रावधानों को लागू किया है। नए प्रावधानों के तहत सभी सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं को दिव्यांगों के लिए बैरियर फ्री बनाने का प्रावधान नए एक्ट में किया गया है। इससे दिव्यांगों के लिए संस्थानों में पहुंचने के लिए रैम्प, स्लेब व लिफ्ट की व्यवस्था करनी आवश्यक की गई है। भिवानी में दिव्यांगों की समस्याओं को सुनने पहुंचे हरियाणा दिव्यांग बोर्ड के आयुक्त दिनेश शास्त्री ने पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करे हुए बताया कि प्रदेश भर में 60 फीसद से अधिक दिव्यांगों को प्रदेश सरकार द्वारा 1600 रुपये पेंशन दी जाती है। इस पेंशन का लाभ प्रदेश भर के एक लाख 44 हजार 226 दिव्यांगों को मिल रहा है। उन्होंने बताया कि बैरियर फ्री भवनों के निर्माण का सर्वे प्रदेश के सभी 22 जिलों में चलाया जा रहा है। प्रथम चरण में गुरुग्राम के 89 भवनों को चिह्नित करके बैरियर फ्री भी किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के स्कूलों में 6 लाख 823 बच्चे 50 फीसद मंदबुद्धि दिव्यांगता वाले है, जिन्हें एक हजार रुपये मासिक वजीफा दिया जाता है। प्रदेश के जींद जिला में दिव्यांगता के पहचान पत्र बनाने के लिए प्रयोग के तौर पर टोकन व्यवस्था भी चालू की गई है। जिसके सफल होने पर इसे प्रदेश के सभी 22 जिलों में लागू किया जाएगा। हरियाणा विकलांग बोर्ड के आयुक्त ने बताया कि 1995 के डिसेबल एक्ट में केवल 7 प्रकार की दिव्यांग श्रेणियां थी, जबकि नए एक्ट में कई ऐसी बीमारियों को भी दिव्यांग में शामिल किया है, जो व्यक्ति दिव्यांगों से भी बुरी तरह जीने को मजबूर है। इन्हें शामिल करते हुए 21 प्रकार की दिव्यांगता श्रेणियां नए एक्ट में बनाई गई है। जिसका नोटिफिकेशन जल्द ही जारी कर दिया जाएगा। 18 वर्ष से कम आयु के स्कूलों में पढ़ने वाले 60 फीसद से कम दिव्यांगता वाले बच्चों को उनकी शैक्षणिक योग्यता के आधार पर 500, 700 व एक हजार रुपये का वजीफा भी दिया जा रहा है। दिव्यांग लोगों की समस्याओं को मौके पर सुलझाने के लिए हरियाणा दिव्यांग बोर्ड द्वारा प्रदेश के सभी 22 जिलों में मोबाइल कोर्ट लगाई जाएंगी। जिनमें जिले के सभी अधिकारी दिव्यांगों की समस्याओं का निपटान मौके पर करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश का कोई भी विकलांग अपनी समस्या को दिव्यांग बोर्ड की वेबसाइट पर डाल सकता है। इसके अलावा दिव्यांग लोगों के लिए काम करने वाली संस्थाओं को भी हरियाणा दिव्यांग बोर्ड सम्मानित करेगा। सरकारी नौकरियों में दिव्यांगों को मिलने वाली 3 फीसद आरक्षण के प्रश्न पर दिनेश शास्त्री ने कहा कि उनका बोर्ड सभी विभागों में इसकी अनुपालना सुनिश्चित करेगा तथा कोई भी शिकायत पाए जाने पर सम्बंधी विभाग को समन किए जाएंगे, ताकि दिव्यांगों के साथ कोई भी अन्याय न हो सकें। इस मौके पर भाजपा जिला अध्यक्ष नंदराम धानिया, भाजपा महिला मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष मीना परमार, सुनील चौहान, भाजपा मीडिया प्रभारी सोनू सैनी, सुनील वर्मा नंबरदार, बबीता तंवर, ओमप्रकाश वर्मा, पवन ठाकुर, कमलकिशोर बंधु, रमेश सैनी, जिला समाज कल्याण अधिकारी कृष्णलाल भारद्वाज, सहायक सतबीर शर्मा आदि गणमान्य व्यक्ति व अधिकारी मौजूद थे।


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