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गोवंश सेवा की मिसाल बना चिकिल्सालय, आमजन से मांगा सहयोग

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : गोवंश की दुर्दशा को देख हरियाणा रोडवेज में बतौर चालक कार्यरत मंजीत दला

By Edited By: Published: Fri, 09 Dec 2016 01:07 AM (IST)Updated: Fri, 09 Dec 2016 01:07 AM (IST)

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : गोवंश की दुर्दशा को देख हरियाणा रोडवेज में बतौर चालक कार्यरत मंजीत दलाल के मन को ऐसी ठेस पहुंची कि उसने गोसेवा को अपने जीवन का मकसद बना लिया। करीब तीन साल पहले क्षेत्र में असहाय, घायल, बीमार गोवंश को अस्पताल पहुंचाने के लिए एक एम्बुलेंस से अपने मिशन की शुरूआत करने वाले मंजीत दलाल को गोसेवक के रूप में बेहतर पहचान मिली है।

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एम्बुलेंस शुरू करने के बाद गोवंश को दादरी क्षेत्र में उपचार देने के लिए चिकित्सालय निर्माण का फैसला लिया। मंजीत दलाल व उसके साथ जुड़े अन्य गोसेवकों की मेहनत आज गांव कमोद के समीप गोसेवा के रूप में देखी जा सकती है। लेकिन उम्मीद से ज्यादा घायल, असहाय, बीमार गोवंश यहां पहुंचने की वजह से इन दिनों इनकी देखभाल में आर्थिक समस्याएं सामने आ रही हैं। जय बाबा न्यारमदास सोशल वेलफेयर सोसायटी के प्रधान मंजीत दलाल व अन्य सदस्यों का कहना है कि फिलहाल उनके चिकित्सालय में करीब 200 गाय हैं।

इन गायों के लिए चारा, दवाइयां व अन्य खर्च के लिए हर रोज 12 से 15 हजार रुपये लगते हैं। सोसायटी के तमाम प्रयासों के बाद इतना खर्च साम्थर्य से बाहर होता जा रहा है। मंजीत दलाल ने क्षेत्र के गो भक्तों, आम जन से अपील की है कि गोवंश की दुर्दशा सुधारने में सोसायटी का सहयोग करें और पुण्य के भागी बनें। इन दिनों बढ़ती सर्दी में गायों की तादात ज्यादा होने से शेड की कमी उन्हें खल रही है। हालांकि क्षेत्र के लोग पशुचारा इत्यादि मुहैया करवा रहे हैं, सोसायटी ने भी लोगों के सहयोग से गो ग्रास वाहन चलाए हुए हैं। जो शहर व ग्रामीण क्षेत्र से गायों के लिए चारा आदि लाते हैं।

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पूरी टीम, पांच गाड़ियां गोसेवा में

करीब तीन साल पहले जय बाबा न्यारमदास सोशल वेलफेयर सोसायटी के प्रधान मंजीत दलाल ने एक नि:शुल्क गोसेवा एम्बुलेंस की शुरूआत की थी। लोगों का समय-समय पर सहयोग मिला, अब गायों के लिए दो एम्बुलेंस, दो ग्रास व एक अन्य गाड़ी चलाई जा रही है। एम्बुलेंस कॉल आने पर 200 किलोमीटर दूर से भी घायल, बीमार गायों को अस्पताल लेकर आ रही हैं। मंजीत दलाल ने कहा कि इन दिनों घुमंतू पशुओं की संख्या बढ़ने से ये अकसर सड़क हादसों के चलते घायल हो रही हैं। हर रोज आधा दर्जन गोवंश अस्पताल में उपचार के लिए लाया जाता है।

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गोवंश को मिल रहा उपचार

इस साल एक अप्रैल को गांव कमोद बस स्टाप के समीप चिकित्सालय की नींव रखी गई थी। जिसमें क्षेत्र के सभी गोसेवकों का सहयोग रहा। यहां गायों के उपचार के लिए चिकित्सक, दवाइयां सहित अन्य सुविधाएं मुहैया करवाने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है। लेकिन गोवंश की बढ़ती संख्या के कारण अब कुछ आर्थिक परेशानियां सामने आ

रही हैं, जिन्हें गो भक्तों के सहयोग से दूर किया जा सकता है। मंजीत दलाल, दिनेश शर्मा, रामेश्वर दयाल रंगा सहित अन्य सदस्यों ने आम जन से अपील की है कि गो चिकित्सालय में सहयोग कर पुण्य के भागी बनें।


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