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बवानीखेड़ा चुनाव में नई पहल, पढ़ी-लिखी बेटी की जीत के लिए विपक्ष में नहीं डाला गया एक भी वोट

संवाद सहयोगी, बवानीखेड़ा : क्षेत्र में तीन जगह हुए उपचुनाव में अलग-अलग मिसाल कायम की गई। कहीं ग्रामीण

By Edited By: Published: Mon, 26 Sep 2016 01:00 AM (IST)Updated: Mon, 26 Sep 2016 01:00 AM (IST)
बवानीखेड़ा चुनाव में नई पहल, पढ़ी-लिखी बेटी की जीत के लिए विपक्ष में नहीं डाला गया एक भी वोट

संवाद सहयोगी, बवानीखेड़ा : क्षेत्र में तीन जगह हुए उपचुनाव में अलग-अलग मिसाल कायम की गई। कहीं ग्रामीणों ने गांव की बहू के बदले बेटी को सम्मान देते हुए उसे पलकों पर बिठाया तो कहीं चाचा-भतीजे की विरोधी को वार्ड के निवासियों ने एक भी वोट नहीं डालकर नकार दिया। उधर, भुरटाना में भी प्रत्याशियों में एक प्रत्याशी को केवल एक वोट हासिल हुआ।

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बवानीखेड़ा क्षेत्र के गांव पुर के वार्ड 12 का चुनाव कुछ अलग ही रहा। यहां के बूथ संख्या 9 पर रविवार को चुनाव से पहले सारी तैयारियों को कर लिया गया। इस बूथ पर वार्ड के चुनाव में दो प्रत्याशी आमने-सामने थे जिनमें एक तो गांव की बेटी मोनिका और दूसरी गांव की बहू सुशीला। हालांकि दोनों एक ही परिवार से बताई जा रही हैं। वार्ड में 256 वोट हैं जो दोनों प्रत्याशियों की जीत और हार का फैसला करते उससे पहले ही गांव की बहू और गांव के मौजिज लोगों ने गांव की पढ़ी-लिखी बेटी का समर्थन कर उसकी जीत को पक्का कर दिया।

सुशीला ने नहीं डाला अपना वोट

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मोनिका का समर्थन करते हुए गांव की बहू सुशीला ने अपना वोट भी पोल नहीं किया। इस चुनाव में मोनिका को सात वोट हासिल हुए जबकि सुशीला को शून्य वोट मिले। सात वोट पोल होते ही ग्रामीणों ने आपसी सहमति से मोनिका को विजयी घोषित कर दिया और किसी ने भी इसके बाद वोट नहीं डाला।

महिलाओं को सशक्त बनाना रहेगी प्राथमिकता : मोनिका

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अपने पिता रमेश कुमार व मां बालादेवी की लाडली मोनिका दो बहन भाइयों में बड़ी है। छोटा भाई स्नातक की पढ़ाई कर रहा है। मोनिका ने भी स्नातक की है और बीएड कर रही है। मोनिका ने बताया कि वह समाज में नए जज्बे के साथ कार्य करेंगी। उनकी प्राथमिकता महिलाओं को सशक्त बनाने की रहेगी। उन्होंने कहा कि वार्ड की सफाई व स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।

लोहारी जाटू के वार्ड दो में नहीं डला एक भी वोट

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वार्ड के लोगों ने दोनों ही प्रत्याशियों को नकारा

गांव लोहारी जाटू के वार्ड दो के निवासियों ने रविवार को हुए वार्ड चुनाव में दोनों ही प्रत्याशियों को नकार दिया। वार्ड दो में दो प्रत्याशियों में आमने-सामने टक्कर थी जो कि रिश्ते में दोनों चाचा-भतीजा थे। लेकिन दोनों ही वार्ड दो के निवासी ना होने के कारण वार्ड के किसी भी निवासी ने वोट नहीं दिया। वार्ड दो में वार्ड एक निवासी रणजीत और वार्ड तीन निवासी यशपाल के बीच टक्कर थी। वार्ड निवासी उनमें सहमति बनाने पर लगे हुए थे। बताया जाता है कि रणजीत यशपाल का परिवार में चाचा है। जब चुनाव तक किसी तरह की सहमति नहीं बनी तो वार्ड दो के निवासियों ने दोनों प्रत्याशियों में से किसी को भी वोट नहीं देने का मन बना लिया।

रविवार को वार्ड दो में किसी ने भी मतदान नहीं किया। प्रजाइ¨डग ऑफिसर ने कुलदीप ने बताया कि 280 वोटों में से वार्ड दो के चुनाव में एक भी वोट पोल नहीं हुआ। अधिकारी पूरा दिन खाली बैठ कर अपनी ड्यूटी करते रहे।

प्रतिद्वंदी को मिला एक वोट,124 वोट से सुरेन्द्र की जीत

गांव भुरटाना के वार्ड आठ में प्रत्याशी सुरेन्द्र और सुमन के बीच मुकाबला था। सुरेन्द्र को इस चुनाव में 124 वोट मिले और सुमन को महज एक वोट मिला। बताया जा रहा है कि पंचायती तौर पर सुरेन्द्र का ग्रामीणों ने समर्थन कर दिया था।


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