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छोटी काशी के हालात सुधारो सीएम साहब

जागरण संवाददाता, भिवानी : टूटी सड़कें और जगह-जगह लगे गंदगी के ढेर। परेशान लोग और नींद में प्रशासन। सी

By Edited By: Published: Sun, 28 Aug 2016 01:01 AM (IST)Updated: Sun, 28 Aug 2016 01:01 AM (IST)
छोटी काशी के हालात सुधारो सीएम साहब

जागरण संवाददाता, भिवानी : टूटी सड़कें और जगह-जगह लगे गंदगी के ढेर। परेशान लोग और नींद में प्रशासन। सीएम साहब, यही भिवानी के हालात हैं, इनसे निजात दिलाइए।

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हालात ये हैं कि स्वच्छता अभियान दूर-दूर तक कहीं दिखाई नहीं देता। शहर की अंदरूनी गलियों की तो बात ही छोड़ दीजिये, मुख्य सड़कों का ही बुरा हाल है। लघु सचिवालय में हर वर्ग के लोगों का आना-जाना लगा रहता है। इस लघु सचिवालय के सामने की सड़क की हालत इतनी बुरी है कि जगह-जगह से न केवल टूटी हुई है, बल्कि कई फुट धंस चुकी है। यहां पर कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। मुख्यमंत्री मनोहरलाल 28 अगस्त व 4 सितंबर को भिवानी आ रहे हैं। जिलावासियों को उनसे उम्मीदें है कि शहर के हालात सुधरेंगे।

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8 माह से बिना मुखिया चल रही शहर की सरकार

शहर की हालत कैसे सुधर सकती है, जब शहर की सरकार का कोई मुखिया ही नहीं हो। भिवानी नगर परिषद के पार्षदों का कार्यकाल 4 जनवरी को ही समाप्त हो गया था। लेकिन इसके बाद से अभी तक नई सरकार नहीं बनी है। ऐसे में शहर के विकास की रफ्तार ठप है।

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अधिकारी एक, पद कई, कैसे हों काम

भिवानी शहर के विकास की रफ्तार कैसे आगे बढ़ेगी, जब अधिकारी ही नहीं होंगे। जिले का सबसे बड़ा बद उपायुक्त का है। उपायुक्त पंकज के पास जिलाधीश का कार्यभार तो है ही, साथ ही हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के सचिव का पद भी वे संभाल रहे हैं। कमोबेश ऐसी ही स्थिति एसडीएम की है। भिवानी के एसडीएम सतपाल ¨सह हुडा के संपदा अधिकारी, नगर परिषद के प्रशासक पद का कार्यभार भी संभाल रहे हैं। ऐसे में एक अधिकारी और 2 या 3 विभागों के कार्य कैसे कर सकते हैं। क्या वे अपने मूल कार्य के साथ भी न्याय कर पा रहे हैं, यह विचारणीय पहलू है।

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गोवंश का नहीं कोई ठोर-ठिकाना

भले ही प्रदेश सरकार ने गोवंश के लिए नया व सख्त कानून बना दिया हो पर भिवानी शहर में हजारों गाय सड़कों पर दरबदर भटक रही हैं। बात केवल भटकने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि रात को शहर की सभी प्रमुख सड़कों पर गाय व काले सांड बैठ जाते हैं और वाहन चालकों को दूर से दिखाई भी नहीं देते हैं। आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। गो अभयारण्य कब और कहां बनेगा अभी तक स्पष्ट नहीं है।


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