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सावधान! खुले में शौच गए तो पेंशन को लग सकता है ब्रेक

जागरण संवाददाता, भिवानी : सावधान! खुले में शौच गए तो पेंशन को भी ब्रेक लग सकता है। इतना ही नहीं जो ग

By Edited By: Published: Tue, 28 Jun 2016 01:01 AM (IST)Updated: Tue, 28 Jun 2016 01:01 AM (IST)

जागरण संवाददाता, भिवानी : सावधान! खुले में शौच गए तो पेंशन को भी ब्रेक लग सकता है। इतना ही नहीं जो गांव खुले में शौच मुक्त नहीं होगा उसका विकास भी कुंद हो जाएगा। प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले रहा है। सीबीएलयू के छात्र छात्राओं के अलावा स्टाफ सदस्यों की टीमें ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए जुटी हुई हैं। सोमवार को भी डीआरडीए सभागार में टीमों के कार्य की समीक्षा की गई। उनके समक्ष आने वाली दिक्कतों पर विचार किया गया और यह संकल्प लिया गया कि प्रत्येक गांव को खुले में शौच मुक्त बनाना है। सीबीएलयू छात्र छात्राओं की बैठक में परियोजना अधिकारी मनोज जैन ने कहा कि खुले में शौच एक ऐसी समस्या है जिसको गांव वाले अपने गांव के लिए खुद ही पैदा कर रहे हैं। खुले में शौच से गांव का वातावरण, पर्यावरण, दूषित हवा, बीमारियों को न्योता देना जैसी न जाने कितनी ही समस्याएं आती हैं। गांव वाले इस समस्या को बस एक छोटे संकल्प से इस समस्या को हमेशा के लिए खत्म कर सकते हैं। सरकार प्रत्येक शौचालय के लिए 12 हजार रुपये देती है। फिर तो प्रत्येक घर में शौचालय बनने जरूरी हैं। अब जो स्थिति सामने आ रही है वह यह है कि ज्यादातर घरों में शौचालय तो हैं लेकिन उनका प्रयोग नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि खुले में शौच जाना ग्रामीण बंद करें। सरकार की भी सख्त हिदायतें हैं कि खुले में कोई शौच नहीं जाएगा। मनोज जैन ने कहा कि जो गांव खुले में शौच मुक्त होगा उसे सम्मानित किया जाएगा और जो गांव खुले में शौच मुक्त नहीं होगा उसकी ग्रांट तक बंद कर दी जाएगी। इसके अलावा पेंशन पर भी ब्रेक लग सकता है। राशन नहीं दिया जाएगा यह सब पहले ही बताया जा चुका है।

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निगरानी कमेटी अलर्ट होना अनिवार्य

सीबीएलयू छात्र छात्राओं से उन्होंने कहा कि सुबह सुबह गांवों में जाएं। निगरानी कमेटियों का गठन करें। इसमें पंचायत प्रतिनिधियों को भी शामिल करें और हर गांव में सुबह और सायं पहरा अनिवार्य करें। कोई भी खुले में शौच जाता मिलता है तो उसे समझाएं नहीं मानता है तो उसके सार्वजनिक करें उसके खिलाफ एक्शन भी लिया जाएगा।

पंचायतों को किया जाएगा सम्मानित

परियोजना अधिकारी ने कहा कि जो गांव शत-प्रतिशत खुले से शौच मुक्त हो जाएंगे, उनको राज्य सरकार एक लाख रुपये प्रोत्साहन राशि और पांच लाख रुपये केन्द्र सरकार अलग से मनरेगा के लिए दिए जाएंगे। इतना ही नहीं जुलाई माह में जिला स्तरीय सम्मेलन कर 100 फीसदी खुले में शौच मुक्त हुए पहले 100 पंचायतों को सम्मानित भी किया जाएगा।

बैठक में ये हुए शामिल

इस अवसर पर जिला समन्वयक सतीश कुमार, विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि गीतिका, संदीप, जितेंद्र और उर्मिला, सोनू, पूजा, सीमा, प्रेमलता, सुगंधा, किरण, सुदेश कुमारी, जितेंद्र कुमार, सीमा तंवर, बबीता, रमन देवी, नीलम, अंकित, अंजू, पूनीत कुमार, अनिल कुमार, नीलकमल, गीता, प्रियंका, सीमा कुमारी तथा बिमला आदि शामिल हुए।


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