पांचवी बेटी के जन्म पर कुआं पूजन कर पेश की मिसाल
संवाद सहयोगी, तोशाम : अकसर सुनने में आता है कि एक या दो कन्याओं के जन्म के बाद परिजनों के माथे पर शि
संवाद सहयोगी, तोशाम : अकसर सुनने में आता है कि एक या दो कन्याओं के जन्म के बाद परिजनों के माथे पर शिकन की लकीरें खींच जाती हैं। कोई बेटी को सीमा, तो कोई अंतिम, अंकुश व भतेरी का नाम दे देता है। पर क्षेत्र के गांव मिरान में एक परिवार में पांचवी कन्या का जन्म हुआ तो, तनाव नहीं खुशी का माहौल दिखा। लड़के के जन्म के समान कुआं पूजन समारोह का आयोजन कर मंगल गीत गाएं तथा आगंतुकों का मुंह मीठा कराया गया। पांचवी कन्या के जन्म पर खुशी मनाए जाने पर हर कोई कन्या को बोझ मानने वालों को कोसते हुए एक साधारण किसान परिवार को बेटी-बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की सच्ची मिसाल मानते हुए बधाई दे रहा था। नवजात कन्या के पिता पवन व माता सिलोचना ने बताया कि वे अपने घर नन्हीं परी के जन्म पर काफी खुश है। उनके घर में पहले ही संपत्ति, सुमन, समीक्षा व सानिया नाम से तीन बेटियां है, जो उनके घर की शान है। इस दौरान नवजात कन्या के ताऊ-ताई बंसीलाल व सुदेश, आशा वर्कर सुमन, प्रमिला, बबीता, कमलेश, दर्शना, संदोखी आदि सहित गांव के अनेक गणमान्य लोग शामिल हुए।