विपदा में काम आने वाला ही सच्चा मित्र : आचार्य
जागरण संवाददाता, भिवानी : श्रीमद्भागवत कथा में बृहस्पतिवार को गोवर्धन आचार्य ने कहा कि सच्चा मित्र व
जागरण संवाददाता, भिवानी : श्रीमद्भागवत कथा में बृहस्पतिवार को गोवर्धन आचार्य ने कहा कि सच्चा मित्र वही है जो विपदा के समय अपने मित्र का साथ दे। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने बाल सखा सुदामा के दु:ख दूर कर अपने स्नेहिल ह्दय का परिचय दिया। स्थानीय बिचला बाजार में रंगनाथ मंदिर में आयोजित सातवें दिन की कथा का बृहस्पतिवार रामनिवास आचार्य व रमन आचार्य ने श्रीभागवत पूजन से कथा का शुभारंभ किया। कथा व्यास गोवर्धन आचार्य ने कहा कि सुदामा द्वारकाधीश के सामने अपना व्यक्तिगत कष्ट बताने में संकोच कर रहे थे। इसके बावजूद दया निधान भगवान श्री कृष्ण ने अपने बचपन के मित्र को गले से लगाया और स्वयं अपने हाथों से उसके पांव धोए। इस मार्मिक प्रसंग का वर्णन करते हुए आचार्य जी ने कहा कि सुदामा के पांव पानी से नहीं अपितु श्रीगिरधर नागर ने अपने अश्रुओं से उनका प्रेक्षालन किया। आज की कथा में गोवर्धन आचार्य ने ऊषा अनिरूद्ध मिलन, निरग आख्यान जरासन्ध वध आदि प्रसंगों पर विस्तार से प्रकाश डाला। श्रीमदभागवतकथा में श्री गोवर्धन आचार्य ने दत्तात्रेय के 24 गुरू, उधव श्री कृष्ण संवाद एवं भगवान के स्वधाम गमन प्रसंगों का भाव से विवेचन किया। उन्होनें कहा कि भगवान श्रीकृष्ण पवित्रता की पराकाष्ठा है और अपने निर्मल हृदय से ही उपासक उस परमेर्श्वर को प्राप्त कर सकता है। इस अवसर पर भागवत भूषण सुरेश, सुरेन्द्र शर्मा, विजेन्द्र ¨सह, पन्नु मस्ता, गोकल नम्बरदार, कृष्णा आचार्य, डॉ. विनोद कौशिक, डा.विनोद अंचल, किशन कौशिक, अशोक शर्मा, श्रीदामा बलियाली वाले, अर¨वद केडिया, रवि अंचल, रामबिलाश शर्मा, दलबीर गांधी, डॉ.कौशल ¨सह उपस्थित थे।