किसानों ने सामान्य अस्पताल के समक्ष लगाया जाम
संवाद सहयोगी, बवानीखेड़ा : कस्बे की अनाज मंडी में आढ़तियों द्वारा गेहूं की खरीद न किए जाने के विरोध म
संवाद सहयोगी, बवानीखेड़ा : कस्बे की अनाज मंडी में आढ़तियों द्वारा गेहूं की खरीद न किए जाने के विरोध में क्षेत्र के किसानों ने शनिवार दोपहर बाद कस्बे के सामान्य अस्पताल के सामने जाम लगा दिया। जाम को समर्थन आढ़तियों ने भी दिया। इस दौरान सैकड़ों किसानों ने भिवानी-हांसी मुख्य मार्ग पर ट्रैक्टर-ट्राली खड़े कर दिए और जमकर सरकार व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। करीब आधे घंटे लगे जाम के दौरान सड़क के दोनों ओर वाहनों की कतारें लग गई और यात्री भी काफी परेशान रहे। बवानीखेड़ा थाने में कार्यरत प्रशिक्षु डीएसपी अभिमन्यु ने किसानों को एक घंटे के अंदर ही समस्या का समाधान किए जाने का आश्वासन दिया, तभी जाकर किसान व आढ़ति जाम हटाने को राजी हुए। किसानों ने कहा कि पिछले तीन दिनों से आढ़तियों द्वारा मंडी में गेहूं की खरीद बंद कर रखी है। इससे उन्हें काफी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि अपना गेहूं अब वे कहां पर लेकर जाएं और गेहूं की खरीद न होने से उनके आगे का गेहूं की कटाई व कढ़ाई का कार्य भी बाधित हो रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन से शीघ्र ही समस्या का समाधान किए जाने की मांग की, ताकि किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न झेलनी पड़े। उधर आढ़तियों ने कहा कि खरीद एजेंसियों द्वारा उन्हें नोटिस जारी किया गया है कि वे सभी गेहूं की ढेरियों पर इलैक्ट्रोनिक्स झारना लगाकर गेहूं की विशेष सफाई रखे, तभी जाकर उनकी गेहूं की खरीद की जाएगी। आढ़तियों का कहना है कि मार्के¨टग विभाग द्वारा मंडी में बिजली की सुचारु रूप से व्यवस्था नहीं है। इसी के चलते उन्हें इलैक्ट्रोनिक्स झारना लगाने में दिक्कत महसूस हो रही है। इसके अलावा समर्थन मूल्य में कटौति की स्थिति भी स्पष्ट की जाए। किसानों द्वारा शनिवार को करीब अढ़ाई बजे जाम लगाया गया, जो कि करीब तीन बजे खोल दिया गया, तभी जाकर वाहन चालकों व यात्रियों ने राहत की सांस ली।
जाम के दौरान एक किसान ने अपना रोष व्यक्त करते हुए आत्महत्या करने का नाटक भी किया। इस माध्यम से किसानों ने सरकार को अपनी दशा से रूबरू करवाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि आज किसानों की हालत इतनी खस्ता हो चली है कि उन्हें दो जून की रोटी के लाले ही पड़ गए हैं। एक तो पहले प्रकृति ने किसानों की कमर तोड़ दी, वहीं दूसरी ओर बची हुई उम्मीदों पर भी पानी फिर रहा है। ऐसी स्थिति में किसान कहां जाए और वे किसने के सामने अपना दर्द बया करे।
जाम के दौरान यात्रियों को भी भारी परेशानी झेलनी पड़ी। कड़ाके की गर्मी के कारण कालेज छात्राएं व अन्य सवारी करीब आधे घंटे तक सड़क पर खड़े रहे। कोई पानी के लिए तरस था तो कोई चिलचिलाती धूप के कारण परेशान था। खड़ी बसों में गर्मी महसूस होने के कारण यात्री सड़क पर उतर आए और वे पेड़ों के नीचे जगह तलाशते दिखाई दिए। वहीं एक महिला यात्री भी जाम के दौरान धूम्रपान का लुत्फ उठाती देखी गई। वहीं कालेज छात्राओं को भी काफी दिक्कत महसूस हुई। उन्होंने कहा कि जाम में फंसे होने के कारण वे घरों को समय पर नहीं पहुंच पाएंगी।
जाम खुलवाने के बाद प्रशिक्षु डीएसपी अभिमन्यु कुछ आढ़तियों व किसानों को साथ लेकर थाने चले गए और उन्होंने वहां पर खरीद एजेंसियों के अधिकारियों को बुलावा भेजा। समाचार लिखे जाने तक डीएसपी खरीद एजेंसियों के अधिकारियों के इंतजार में बैठे थे।
गेहूं खरीद का कार्य रहा तीसरे दिन भी बंद
संवाद सहयोगी, बवानीखेड़ा : आढ़तियों ने तीसरे दिन भी गेहूं खरीद में कटौती के विरोध में गेहूं की खरीद का कार्य बंद रखा। शनिवार को तो आढ़तियों ने अनाजमंडी के मुख्य द्वार का ताला लगाकर किसानों को मंडी में घुसने तक नहीं दिया। मंडी में गेहूं की खरीद बंद होने व द्वार के ताला लगने से क्षेत्र के सैकड़ों किसान ट्रैक्टर-ट्राली लेकर मंडी के बाहर कड़ाके की धूप में तपते रहे। किसानों ने कहा कि गेहूं की खरीद बंद होने से उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। रात को तो वे गेहूं की कटाई व कढ़ाई में व्यस्त रहते हैं और दिन में गेहूं की खरीद न होने से उन्हें सारा दिन ही गेहूं की भरी ट्राली पर कड़ाके की धूप में गुजरना पड़ रहा है। इससे उन्हें न तो दिन में न ही रात में चैन आ रहा है। मंडी में गेहूं लेकर पहुंचे भीम ¨सह बलियाली, कुलदीप अलखपुरा, रणवीर खेड़ी दौलतपुर, सोनी खेड़ी दौलतपुर, अनूप, ज्ञान, संदीप बवानीखेड़ा, जूण पुर, कृष्ण, जोगेन्द्र, सुरेन्द्र मंढाणा, प्रवेश, सुंदर, नरेश, संदीप पपोसा आदि ने बताया कि वे दो दिन से मंडी में गेहूं बेचने के लिए डेरा डाले हुए हैं। उन्होंने कहा कि एक तो पहले ही किसान बारिश की मार को झेल रहे हैं। दूसरी ओर उनकी उम्मीद को भी गेहूं की खरीद न कर धूमिल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी पूरी रात को गेहूं की कटाई व कढ़ाई में लग जाती है। अगले दिन वे जब मंडी पहुंचते हैं तो उनका गेहूं खरीदा नहीं जाता। इससे उन्हें दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। उधर आढ़ती गजेन्द्र कौशिक, सुभाष बैनीवाल, संदीप गोयत, बलजीत सिवाड़ा, सतपाल, पतराम, सुरेन्द्र, महेंद्र, ज्ञानी राम आदि ने बताया कि जब तक गेहूं की कटौती मूल्य की स्थिति स्पष्ट नहीं हो जाती तब तक वे गेहूं की खरीद का कार्य शुरू नहीं कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि सभी आढ़ती किसानों के साथ हैं। लेकिन स्थिति स्पष्ट न होने के कारण आढ़ति व किसानों ने उलझन पैदा हो सकती है।