मास्टर हुकम सिंह के बारे में क्या बोले बड़े नेता?
ईमानदारी, सादगी के प्रतीक थे हुकम सिंह : हुड्डा प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा न
ईमानदारी, सादगी के प्रतीक थे हुकम सिंह : हुड्डा
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि मास्टर हुकम सिंह ने हमेशा ईमानदारी के साथ समाजसेवा की थी। उन्होंने मा. हुकम ¨सह को एक अच्छा प्रशासक बताते हुए कहा कि प्रदेश की राजनीति में खाली हुई मास्टर जी की जगह को भरना नामुमकिन है। साथ ही एंबुलेंस मिलने में हुई देरी पर उन्होंने कहा कि इस मामले में जिसकी लापरवाही हो, उसको सजा मिलनी चाहिए।
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गरीबों का हितैषी गया : रामबिलास
प्रदेश सरकार में शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने बताया कि मा. हुकम सिंह के जाने से प्रदेश से गरीबों का प्रतिनिधित्व करने वाला नेता चला गया।
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प्रदेश को भारी क्षति हुई : बेदी
प्रदेश के राज्य मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने कहा कि मा. हुकम सिंह जी के जाने से प्रदेश की राजनीति को भारी क्षति हुई है।
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नहीं भुलाया जा सकता योगदान : दुष्यंत
इनेलो से हिसार के सासद दुष्यंत चौटाला ने कहा कि मा. हुकम सिंह के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि राजनीति में देवीलाल के साथी रहे मा. हुकम सिंह एक सरल व सीधे स्वभाव के नेता थे। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री मा. हुकम सिंह ने जाटों को आरक्षण दिलवाने में भी अहम भूमिका निभाई थी। साथ ही उन्होंने कहा कि मा. हुकम सिंह के साथ पीजीआइ में हुई अनियमितता की जाच किसी सचिव स्तर के अधिकारी द्वारा करवाई जानी चाहिए।
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सच्चे लोहियावादी थे : धर्मबीर
भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र से सासद धर्मबीर सिंह ने कहा कि मा. हुकम सिंह एक सरल, संस्कारी तथा आयुर्वेद के माध्यम से जीवन यापन करने वाले व्यक्ति थे। उन्होंने कहा कि आज की पीढ़ी को लोहियावादी विचारधारा के धनी मा. हुकम सिंह के जीवन से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है।
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कमेरे वर्ग के नेता थे : अरोड़ा
पूर्व मुख्यमंत्री मा. हुकम सिंह को अंतिम विदाई देने पहुचे इनेलो प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने बताया कि मा. हुकम सिंह ने ताऊ देवीलाल के साथ कार्यकर्ता से लेकर मुख्यमंत्री तक का सफर तय किया था। उन्होंने मा. हुक्म सिंह को कमेरे वर्ग का नेता बताया।
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गो संरक्षण लक्ष्य था : जोगेंद्र
पूर्व मुख्यमंत्री के भाजे जोगेंद्र अहलावत ने बताया कि मा. हुकम सिंह ने हरियाणा में गोसंरक्षण को लेकर बहुत से कार्य किए थे। इसी कड़ी में उन्होंने वर्तमान सरकार से भी बात कर गोसंरक्षण को लेकर कानून बनाने की माग रखी थी। अहलावत ने बताया कि शायद इस बार बजट सत्र में मा. हुकम सिंह की बात पर विचार कर गौ संरक्षण को लेकर कोई कदम उठाया जा सकता है, जो कि मास्टर जी को एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी। साथ ही जोगेंद्र अहलावत ने बताया कि दो दिन पूर्व पीजीआइ से गुड़गाव मेदाता अस्पताल में मास्टर जी को रेफर करने के कई घटों बाद उन्हे एम्बुलेंस उपलब्ध करवाई गई तथा ना ही कोई सहायक चिकित्सक उन्हे उपलब्ध करवाया गया। उन्होंने बताया कि पीजीआइ प्रशासन द्वारा बार-बार मीटिंग की बात कह कर एम्बुलेंस उपलब्ध करवाने में देरी की गई, जिसके लिए पीजीआइ प्रशासन जिम्मेदार है।