72 की उम्र, लगाए 7200 पौधे
जनहित जागरण :: जीवन की सांझ में उकेर रहे सुनहरे भविष्य की तस्वीर युवाओं के लिए नजीर है सेवानिवृत
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जीवन की सांझ में उकेर रहे सुनहरे भविष्य की तस्वीर
युवाओं के लिए नजीर है सेवानिवृत्त इतिहास के प्रवक्ता
फोटो::201 की सीरीज
रोहित गेरा, भिवानी
राजस्थान की मरुभूमि से सटे भिवानी जिले के कई गांवों व शहर में आज हरियाली आज एक क्रांति के रूप में छा रही है। इस क्रांति के अगुवा बने हैं जीवन की सांझ में जोश के साथ डटे सेवानिवृत्त शिक्षक रामकिशन शर्मा। पर्यावरण सरंक्षण की अलख जला रहे यह गुरुजी 72 की उम्र में 7200 पौधे लगाकर युवा पीढ़ी के लिए नजीर बन रहे हैं। साथ ही नई पीढ़ी के लिए सुनहरे भविष्य की तस्वीर उकेर रहे हैं।
सेक्टर 13 निवासी द भिवानी रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान रामकिशन शर्मा 15 सालों से भिवानी शहर व उसके को हरा-भरा बनाने की मुहिम में जुटे हैं। उनके उत्साह का ही परिणाम है कि अचीना, बांस, रेवाड़ी खेड़ा, सांजरवास, तिगड़ाना, कादमा, बौंद, दुरू का नांगल, साजरवास, सावड़ सहित कई गांव भी अब हरियाली की मुहिम को आगे बढ़ा रहे हैं।
रामकिशन शर्मा वह अपने हम उम्र एवं युवाओं को भी अपने साथ जोड़ने के लिए तरह-तरह के सेमिनार व गोष्ठी के जरिये पर्यावरण सरंक्षित करने के लिए जागरूक कर रहे हैं। साथ ही वे युवाओं को तरह-तरह के गिफ्ट देकर पेड़ पौधे लगाने की शर्त भी रख रहे हैं। उनका मकसद है कि अपने नाम को सार्थक करते हुए हरियाणा हरा-भरा दिखे। 2000 से जारी यह मुहिम अनवरत जारी है।
सुबह की शुरुआत होती है पेड़ों के रखरखाव से
जिस उम्र में आदमी ठीक से चलने फिरने के लिए भी सक्षम नहीं होता। उस उम्र में रामकिशन शर्मा अपने हरियाणा को ग्रीन करने के संकल्प से सुबह की शुरुआत पार्को एवं विभिन्न स्थानों पर लगे हुए पेड़-पौधों के रखरखाव से कर रहे हैं। उनके उत्साह का ही परिणाम है कि आज पूरी टीम उनके साथ खड़ी दिखती है।
ये हैं टीम के मुख्य सदस्य
उनके साथ ग्रीन हरियाणा मिशन में अब कई कर्मचारी, युवा भी शामिल हो रहे हैं। ओमप्रकाश, कृष्णा महता, धर्मपाल वैद्य, बिजेंद्र तंवर, रामधन जांगड़ा, धर्म सिंह यादव, सतबीर कौशिक की मानें तो वे सेक्टर को ग्रीन सेक्टर में परिवर्तित करने का काम कर रहे है। उनके मुताबिक पहले यहां पर हरियाली के नाम पर पार्को में भी कुछ नहीं था, लेकिन आज पार्को की हालत में काफी हद तक सुधार हुआ है। जगदीश राय, राजेंद्र अग्रवाल, जयपाल, हरिकृष्ण वशिष्ठ, गौतम कुमार, बिजेंद्र, रमेश कुमार वर्मा, जेई यशपाल, आत्मप्रकाश महता कहते हैं कि रामकिशन अकेले ऐसे शख्स हैं जो कि 20 हजार सेक्टरवासियों की समस्याओं के लिए भी अकेले लड़ाई लड़ रहे हैं।