चाइनीज माझे से कटी युवक की गर्दन, मुश्किल से बची जान
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : चाइनीज माझे पर प्रशासन ने पाबंदी लगा रखी है, मगर फिर भी
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :
चाइनीज माझे पर प्रशासन ने पाबंदी लगा रखी है, मगर फिर भी यह शहर में पतंग की डोर में इस्तेमाल हो रहा है। इसी माझे ने शहर में एक युवक को मौत के नजदीक पहुचा दिया। बाइक पर जा रहे इस युवक की गर्दन को माझे ने चीर दिया। इससे सास की नली का कुछ हिस्सा और नस भी कट गई। एक उगली भी इस माझे से कटी है। उसे तुरत शहर के निजी अस्पताल में लाया गया। यहा पर डाक्टरों ने तुरत आपरेशन किया। इससे उसकी जान बच गई। फिलहाल युवक आइसीयू में है।
रेलवे लाइन पार क्षेत्र के सुभाष नगर का रहने वाला अंकित फार्मा कंपनी में काम करता है। वह बाइक पर ड्यूटी से घर लौट रहा था। रेलवे ओवर ब्रिज पर पहुचा तो वहा पहले से किसी कटी पतंग की डोर (चाइनीज माझा) लटक रही थी। जैसे ही अंकित वहा से गुजरा तो डोर उसकी गर्दन में उलझ गई। अगले ही पल उसकी गर्दन पर करीब दो इच गहरा और पाच से छह इच लंबा घाव बन गया। सास की नली का कुछ हिस्सा और नस भी कट गई। एन वक्त पर बाइक रुक गई, वरना चाइनीज माझे से गर्दन और ज्यादा कट सकती थी। आसपास मौजूद लोगों ने अंकित को संभाला। गर्दन से अत्यधिक खून बह रहा था और उसे सास लेने में भी तकलीफ हो रही थी। उसे नजदीक के अस्पताल ले जाया गया। यहा उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे रेफर कर दिया गया। बाद में उसे परिजन शहर के ब्रह्मशक्ति संजीवनी अस्पताल ले आए। यहा पर चिकित्सकों ने उसका तुरत आपरेशन किया। वरिष्ठ सर्जन डॉ. मनीष शर्मा ने बताया कि माझे से अंकित की गर्दन का हिस्सा ज्यादा कट गया। सास की नली भी काफी कट गई। यदि उसके आपरेशन में देर होती तो कुछ भी हो सकता था। इस तरह का माझा तो अपने आप में मौत है। इस माझे में शीशे की बहुत ही महीन परत होती है, जो किसी तेजधार हथियार जैसा काम करता है। आपरेशन के बाद अंकित की हालत में सुधार है। फिलहाल उसे आइसीयू में रखा गया है।
उधर, युवक के परिजनों ने प्रशासन से इस माझे पर पूरी तरह रोक लगाने की माग की है। उनका कहना है कि इस माझे से तो कोई भी जानलेवा हादसा हो सकता है।