ईट-भट्ठा एसोसिएशन ने हाईड्रेट सिस्टम के लिए मांगा एक साल का समय
जागरण संवाददाता, झज्जर : जिला में दम तोड़ते ईट-भट्ठा उद्योग को बचाने के लिए जिला झज्जर भट्ठा एसोसिएशन
जागरण संवाददाता, झज्जर : जिला में दम तोड़ते ईट-भट्ठा उद्योग को बचाने के लिए जिला झज्जर भट्ठा एसोसिएशन की मंगलवार को एक होटल में बैठक हुई है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि भट्ठों को हाईड्रेट सिस्टम से तैयार करने के लिए सरकार को कम से कम एक साल का समय भट्ठा संचालकों को देना चाहिए। जबकि जीएसटी में भी भट्ठा उद्योग को छूट देने के लिए सीएम से मांग की जाएगी। जिसको लेकर 30 जून को डीसी के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भेजने का निर्णय लिया गया है। एसोसिएशन की बैठक प्रधान विनोद गुलिया की अध्यक्षता में हुई।
उन्होंने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार की तरफ से प्रदेश में प्रदूषण को कम करने के लिए लागू किया जा रहा हाईड्रेट सिस्टम तो अच्छा है, लेकिन इसे लागू करने के लिए कम से कम एक साल का समय दिया जाए। क्योंकि भट्ठा उद्योग पर एक तरफ मंदी की मार पड़ रही है। वहीं दूसरी ओर हाईड्रेट सिस्टम से भट्ठे को तैयार करने में करीब 40 से 45 लाख रुपये एक भट्ठा संचालक को खर्च करने होंगे। बताया जा रहा है कि चार साल पहले ईंटें 5200 से 5500 रुपये प्रति हजार मिलती थी। उनका रेट घट कर 3000 हजार से 3200 रुपये प्रति हजार आ गया है। जबकि मिट्टी व लेबर के रेट बढ़ रहे हैं। ऐसे में भट्ठा संचालकों को ईंट भट्ठे चलाना मुश्किल हो रहा है।
उनका कहना है कि केंद्र की तरफ से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए ईंट भट्ठों को वर्ष 2017-18 में हाईड्रेट सिस्टम से चलाने के लिए आदेश जारी किये थे। लेकिन प्रदेश सरकार ने इसे पूरे प्रदेश में लागू कर दिया है। ताकि पूरे प्रदेश में प्रदूषण में कमी आ सके। झज्जर जिला की ईंट भट्ठा एसोसिएशन सरकार के इस कदम की तो सराहना कर रही है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि इस सिस्टम को लागू करने के लिए भट्ठा संचालक सरकार को शपथ भर कर देने को तैयार हैं कि 2018-19 के सीजन में सभी भट्ठों पर हाईड्रेट सिस्टम लागू कर दिया जाएगा। इस अवधि के दौरान का उन्हें समय दिया जाए। प्रधान ने कहा कि एनजीटी के आदेशानुसार एक फरवरी 2018 से ईंट भट्ठे चलाए जाएंगे। इस अवसर पर सचिव महावीर गुलिया, सतपाल देशवाल, जोगेंद्र जून के अलावा भट्ठा संचालक मौजूद थे।