डीटीसी के विद्यार्थियों ने पटाका रहित दिवाली मनाने की ली शपथ
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : दिवाली पर छुटाए जाने वाले बम-पटाकों के कारण वायुमंडल में प्रदुषण कई
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :
दिवाली पर छुटाए जाने वाले बम-पटाकों के कारण वायुमंडल में प्रदुषण कई गुणा बढ़ जाता है जिसके चलते आमजन विभिन्न बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं तथा असंख्य कीट व पक्षी भी अकारण मौत का शिकार बन जाते हैं। दीवाली पर बम-पटाके नहीं छुड़ाकर हम पर्यावरण को स्वच्छ रखने के साथ-साथ लोगों को विभिन्न प्रकार की बीमारियों की चपेट में आने से बचा सकते हैं। यह बात डीटीसी चेयरमैन प्रवेश लाकड़ा ने कालेज के विद्यार्थियों को दिवाली पर आतिशबाजी के दुष्प्रभाव के बारे में जानकारी देते हुए कही। चेयरमैन ने कालेज के सभी छात्र-छात्राओं को दिवाली पर बम-पटाके नहीं छुड़ाने की शपथ भी दिलवाई। विद्यार्थियों को आतिशबाजी नही करने की शपथ दिलाते हुए चेयरमैन ने कहा कि दीवाली वाले दिन अपनी खुशी का इजहार करने के लिए आमजन बम-पटाके छुडाते हैं, मगर वह अनजाने में हजारों जीवों की हत्या करने का पाप भी अपने सिर ले लेते हैं क्योंकि दीवाली की आतिशबाजी से निकलने वाली जहरीली गैस के चलते लाखों की संख्या में पक्षी व कीट दम घुटने की वजह से अकाल मौत का ग्रास बन जाते हैं तथा मनुष्य बीमारियों की चपेट में आ जाते है।
आतिशबाजी नहीं करने के फायदे गिनाए:
चेयरमैन प्रवेश लाकड़ा ने विद्यार्थियों को आतिशबाजी नहीं करने के फायदे गिनाते हुए बताया कि अगर हम पटाखा रहित दीवाली मनाएंगे तो हमें पक्षियों व कीटों की अकारण मौत का पाप भी नहीं लगेगा तथा पर्यावरण भी प्रदुषित नही होगा। डीटीसी डायरेक्टर डॉ. मनोज अरोड़ा ने कहा कि दिवाली पर अगर विद्यार्थी पटाखे नही छुटाएंगे तो पर्यावरण प्रदुषित नही होगा तो आमजन विभिन्न बीमारियों की चपेट में आने से भी बचेगा। कालेज के सभी विद्यार्थियों ने पटाखा रहित दिवाली मनाने व पर्यावरण को स्वच्छ रखने में अपना सहयोग देने की शपथ ली। इस अवसर पर प्रोफेसर बीसी कुमार, डॉ. एनएस राठी, अमरजीत गिल, पवन कादयान, रेणू जाखड, वंदना डबास, नीता कालड़ा, मनोज भारद्वाज, पूनम दहिया के अलावा कालेज के अन्य शिक्षक व विद्यार्थी मौजूद रहे।