ऑटो चालक की निगरानी में पीजीआइ रेफर हुआ मरीज
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : अक्सर सवालों के घेरे में रहने वाली बहादुरगढ़ के सिविल अस्पताल की रेफर
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :
अक्सर सवालों के घेरे में रहने वाली बहादुरगढ़ के सिविल अस्पताल की रेफरल सेवा से जुड़ी एक और बड़ी लापरवाही मंगलवार को यहा देखने को मिली। सड़क पर हादसे में घायल हुए एक युवक को जब पीजीआइ रेफर किया गया तो ऐन वक्त पर अस्पताल के ईएमटी (इमरजेंसी मेडिकल टेक्निशियन) ने डयूटी से पल्ला झाड़ लिया और एंबुलेंस चालक घायल को लेकर अस्पताल के बाहर टेक्निशियन की राह तकता रहा। ये हालात देख घायल को लाने वाले तिपहिया चालक ने ही सब कुछ छोड़कर उसे पीजीआइ पहुचाया। यह मामला जिले के आला अधिकारियों के संज्ञान में भी पहुच गया।
दरअसल जब भी किसी घायल या गंभीर अवस्था में मरीज को यहा से रोहतक पीजीआइ रेफर किया जाता है तो एंबुलेंस में ईएमटी का साथ रहना जरूरी होता है। उसी की निगरानी में मरीज को अस्पताल तक लाया व ले जाया जाता है। मगर मंगलवार को जब सड़क पर जख्मी हुए एक युवक को रोहतक पीजीआइ ले जाना था तो ऐन वक्त पर ईएमटी ने पल्ला झाड़ लिया। घायल को तो प्राथमिक उपचार के बाद एंबुलेंस में लेटा दिया गया, मगर ड्राइवर कई देर तक स्टार्ट करके एंबुलेंस को ट्रामा सेंटर के गेट पर लेकर खड़ा रहा। जब कोई ईएमटी आया नहीं तो उस तिपहिया चालक से नहीं रहा गया जिसने घटनास्थल से घायल को ट्रामा सेंटर तक पहुंचाया था। उसने छट से अपना तिपहिया वहा खड़ा किया और एंबुलेंस में सवार हो गया। चालक ने भी और देर करनी मुनासिब नहीं समझी और घायल को लेकर पहुच गए पीजीआइ।
सीएमओ से फोन पर की शिकायत
घायल को रेफर किए जाने के दौरान ईएमटी की जो लापरवाही देखने को मिली उसको लेकर खुद तिपहिया चालक संजय निवासी विकास नगर ने जिला सिविल सर्जन को डा. रमेश धनखड़ को फोन पर शिकायत दर्ज कराई। बाद में सीएमओ ने लिखित शिकायत देने के लिए कहा और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। उधर एंबुलेंस चालक प्रवेश ने भी कंट्रोल रूप में इस पूरे घटनाक्रम व लापरवाही को लेकर रिपोर्ट दी है।
घायल की अभी पहचान नहीं
हादसे में घायल हुए युवक की पहचान नहीं हो पाई है। वह स्कूटी पर सवार था। नेशनल हाइवे पर कसार गाव के मोड़ के नजदीक यह हादसा हुआ था। सेक्टर-6 चौकी पुलिस जाच कर रही है।
वर्जन : स्कूटी सवार को एक बस चालक ने टक्कर मार दी थी। मैं पहुचा तो वहा भीड़ जमा थी। एक-दो लोगों ने मदद की तो मैं घायल को लेकर ट्रामा सेंटर आ गया लेकिन यहा एंबुलेंस में जिसकी डयूटी होती है वह पहुचा ही नहीं। मुझसे रहा नहीं गया और मैं खुद ही ड्राइवर के साथ घायल को लेकर पीजीआइ पहुचा। घायल युवक के कान से खून बह रहा था। एक हाथ से उसे साफ किया और दूसरे हाथ से आक्सीजन की नली को भी संभाला। पीजीआइ तक पहुचने में बड़ी मुश्किल हुई। किसी तरह से घायल को वहा पहुचाकर दाखिल करा दिया। वह कोमा में था। इन हालातों में भी जिन्होंने डयूटी से मनाया किया, उनके खिलाफ तो कार्रवाई होनी चाहिए।
-संजय, तिपहिया चालक
-जिस वक्त मरीज को रेफर किया गया उस वक्त डयूटी पर कौन ईएमटी था यह पता किया जाएगा। पूरे मामले की जाच करके रिपोर्ट उच्चाधिकारियो को भेजी जाएगी।
-डॉ. वीरेद्र अहलावत, प्रशासनिक अधिकारी, सिविल अस्पताल।