बिजली के लिए पावर हाउस पर जड़ा ताला
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : बिजली के लिए रोहद गाव के लोगों ने मंगलवार को यहा के पावर हाउस पर ताला
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ :
बिजली के लिए रोहद गाव के लोगों ने मंगलवार को यहा के पावर हाउस पर ताला जड़ दिया और धरने पर बैठ गए। सुबह से शाम तक पुलिस-प्रशासन की कोशिशों के बावजूद ग्रामीण नहीं माने। इस कारण पावर हाउस से जुड़े क्षेत्र में सप्लाई भी प्रभावित रही। दो साल से गाव में बिजली की कमी को लेकर रोष बना हुआ है। यहा के लोग अब पावर हाउस के लिए दी गई जमीन भी वापस माग रहे है।
मंगलवार की सुबह करीब 11 बजे गाव के लोग एकत्रित होकर पावर हाउस पर पहुंचे और स्टाफ को बाहर निकालकर यहा ताला जड़ दिया। इसका पता लगते ही पुलिस-प्रशासन और बिजली निगम के अधिकारी मौके पर पहुचे। ग्रामीणों के गुस्से को देख अधिकारियों ने बातचीत के प्रयास किए, मगर बात नहीं बनी। लोगों में गुस्सा कहीं ज्यादा था। वे 24 घटे बिजली के अलावा कोई बात सुनने को तैयार नही हुए।
ये बोले ग्रामीण :
गाव के लोगों ने बताया कि वर्ष 2002 में पावर हाउस के निर्माण के लिए यहा पर मुफ्त में जमीन दी गई थी। उस समय यही माग रखी गई थी कि गाव में बिजली सप्लाई पर्याप्त मात्रा में होनी चाहिए। लंबे अर्से तक ऐसा हुआ भी। 12 साल तक तो गाव में सही बिजली दी गई, लेकिन पिछले दो साल से परेशानी खड़ी हो गई है। पहले तो सरकार द्वारा गाव में 14 घटे बिजली दी गई। उसके बाद इसे घटाकर 12 घटे का शेडयूल तय किया गया। अब हालत यह है कि इसमें से भी छह घटे ही बिजली दी जा रही है। इससे हर कोई परेशान है। रोजमर्रा के कार्य भी प्रभावित हो रहे है। छतों पर रखी टकियों तक में पानी भरने के लिए सभी परिवार तरस गए है, क्योंकि बिजली के बिना यह कार्य संभव नही हैं। रात को बिजली न मिलने से बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। कुल मिलाकर बिजली पर आधारित जितने भी कार्य है, वे सभी लटके रहते है।
अधिकारियों की नहीं मानें ग्रामीण :
जैसे ही ग्रामीणों द्वारा पावर हाउस पर ताला जड़ा गया तो पुलिस-प्रशासन और बिजली निगम के अधिकारियों के पास भी सूचना पहुच गई। इस पर बहादुरगढ़ से एसडीएम मनीषा शर्मा, डीएसपी धीरज कुमार, सदर एसएचओ रणधीर सिंह, बिजली निगम के एक्सईएन और एसडीओ भी मौके पर पहुच गए। सभी अधिकारियों ने ग्रामीणों को मनाने की कोशिश की, मगर उन्होंने एक न सुनी। लोगों का कहना था कि या तो बिजली निगम की ओर से गाव में पर्याप्त मात्रा में बिजली दी जाए या फिर पावर हाउस की जमीन गाव को वापिस दे दी जाए। इस जमीन पर और कोई जन सुविधा से जुड़ी व्यवस्था की जाएगी। ग्रामीणों और अधिकारियों के बीच इसी बातचीत में ही शाम हो गई और पावर हाउस का ताला नही खुल पाया।
वर्जन : गाव के लोगों के सामने यह प्रस्ताव रखा गया है कि यदि 24 घटे बिजली चाहिए तो जगमग योजना के दायरे में आए। मीटरों को बाहर लगवाएं और पूरी तरह बिल भरें। जहा तक मौजूदा शेडयूल का सवाल है तो 12 घटे से यदि कम बिजली मिलती है तो उस कमी को दूर कर दिया जाएगा। इस गाव में जितनी बिजली की खपत है, उसमें से 24 प्रतिशत के ही बिल बन रहे है। बाकी 74 प्रतिशत बिजली रिकार्ड में ही नहीं आ रही। जहा तक बिल अदायगी का सवाल है तो वह भी 80 फीसद ही हो पा रही है।
-बीएस मलिक, एक्सईएन, बिजली निगम।