अस्पताल में घायल ने खुद को डॉक्टर के कमरे में किया बंद, दरवाजा तोड़कर बाहर निकाला
जागरण संवाददाता, अंबाला : छावनी रेलवे स्टेशन के बाहर फ्लाईओवर के नीचे रविवार की देर
जागरण संवाददाता, अंबाला : छावनी रेलवे स्टेशन के बाहर फ्लाईओवर के नीचे रविवार की देर रात दुर्गा बहादुर निवासी मौजूदा पता हाउस नंबर-6 रघुनाथ मंदिर के सामने अमृतसर के साथ कुछ हथियारबंद युवकों ने मारपिटाई करते हुए उससे लूटपाट की घटना को अंजाम दिया है। दुर्गा बहादुर को पुलिस पीसीआर ने छावनी के नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन घायल ने यहां इमरजेंसी ¨वग में डॉक्टर के कमरे में खुद को बंद करके अंदर से कुंडी लगा ली। करीब चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने दरवाजे को धक्के मार-मारकर उसकी कुंडी तोड़कर बहादुर को बाहर निकाला और उसका डॉक्टर से अपने सामने ही इलाज करवाया। सोमवार सुबह पड़ाव थाना प्रभारी ने मौके का मुआयना किया और डॉक्टर से बातचीत के आधार पर घायल बहादुर को शहर के मानसिक डॉक्टर के पास चेकअप के लिए ले जाया गया। पुलिस ने इस मामले में तफ्तीश शुरू कर दी है।
पुलिस को दिए बयानों में दुर्गा बहादुर ने कहा है कि वह गुजरात में सीमेंट फैक्टरी में काम करता है और वह छुट्टी लेकर अपने घर अमृतसर आ रहा था। इसी दौरान मथुरा से ट्रेन में दो महिलाओं व दो पुरुषों के गिरोह ने उस पर नजर रखनी शुरू कर दी। वह ट्रेन में जहां भी जाता तो वह गिरोह उसका पीछा करता। ऐसे में जब वह अंबाला पहुंचा तो छावनी रेलवे स्टेशन पर पहुंच गया और इन लोगों से बचने के लिए चंडीगढ़ में अपनी बहन के घर जाने का मन बनाया। उसके बाद छावनी स्टेशन पर वह प्रतिक्षालय में जाकर छिप गया और वे लोग वहां भी उसका पीछा करते हुए आ गए। ऐसे में वह उनकी शिकायत करने स्टेशन पर आरपीएफ पोस्ट और जीआरपी के पास भी गया लेकिन उन्होंने उसकी एक न सुनी और पागल कहकर वहां से खदेड़ दिया। जब वह स्टेशन के बाहर फ्लाईओवर के नीचे पहुंचा तो यहां करीब 5-6 लोगों ने उसे बुरी तरह से पीट दिया और उसे लहूलुहान करके उसका सारा सामान व रुपये छीनकर साथ ले गए। इसके बाद पुलिस ने उसे अस्पताल में पहुंचाया।
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खुद को कमरे में किया बंद
अस्पताल में अभी डॉक्टर ने उसका इलाज भी शुरू नहीं किया था कि घायल दुर्गा बहादुर ने डॉक्टर के कमरे में अंदर से कुंडी लगाकर खुद को अंदर ही बंद कर लिया। अस्पताल स्टाफ समेत पुलिस ने काफी जोर लगाया लेकिन दरवाजा नहीं खोला। ऐसे में मजबूरन पुलिस को दरवाजे तोड़ना पड़ा और घायल को बाहर निकाला गया। इसके बाद डॉक्टर ने बहादुर का इलाज किया तो उसके सिर में 8 टांके लगे और अन्य कई जगह भी मामूली चोटें आई हुई थी। सोमवार सुबह उसे पुलिस शहर में एक निजी डॉक्टर के पास लेकर गए और उसका इलाज करवाया।