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अंबाला के बाद अब पंचकूला कमिश्नरी पर संकट के बादल

जागरण संवाददाता, अंबाला : स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की सिफारिश पर पुलिस कमिश्नरी से अंबाला को

By Edited By: Published: Thu, 08 Dec 2016 03:05 AM (IST)Updated: Thu, 08 Dec 2016 03:05 AM (IST)
अंबाला के बाद अब पंचकूला 
कमिश्नरी पर संकट के बादल

जागरण संवाददाता, अंबाला : स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की सिफारिश पर पुलिस कमिश्नरी से अंबाला को अलग किए जाने के बाद अब पंचकूला पुलिस कमिश्नरी पर भी संकट के बादल मंडरा गए हैं। कालका विधायक लतिका शर्मा ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर पंचकूला कमिश्नरी भंग करने की सिफारिश कर दी है। पत्र में कहा गया है कि पंचकूला सिर्फ साढ़े पांच लाख जनसंख्या वाला छोटा सा जिला है और पुलिस कमिश्नरी के मापदंड पर खरा नहीं उतरता। पंजाब के मोहाली का भी पत्र में जिक्र किया गया है, जहां आबादी दस लाख होने के बावजूद जिला पुलिस व्यवस्था चल रही है। कमिश्नरी से अंबाला को अलग करते समय नोटिफिकेशन में कई खामियां छोड़ दी गई हैं। पंचकूला जिले का रायपुररानी थाना अंबाला एसपी को रिपोर्ट कर रहा है।

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विधायक ने पत्र में लिखा कि पंचकूला में सिर्फ दो सब डिवीजन है और कुल जनसंख्या 2011 की मतगणना के अनुसार पांच लाख 61 हजार 293 है। इसमें से सिर्फ तीन लाख 13 हजार 230 लोग ही शहरी क्षेत्र में रहते हैं। हरियाणा पुलिस एक्ट 2007 में कठोरता से कहा गया है कि घनी आबादी वाले शहरी क्षेत्र में ही पुलिस कमिश्नरी व्यवस्था लागू की जानी चाहिए। ऐसे में जन साधारण के हित में कमिश्नरी को भंग कर देना चाहिए। ग्रामीण क्षेत्र में दो लाख 48 हजार 63 लोग बसते हैं और ज्यादातर कालका विधानसभा क्षेत्र में रहते हैं, ऐसे में कालका पर कमिश्नरी सिस्टम नहीं थोपना चाहिए। पत्र में अपने कालका विधानसभा क्षेत्र के लिए अलग से एसपी रैंक के अधिकारी की मांग भी की है। अगर इस मांग को मान लिया जाए, तो पंचकूला के कुल सात थानों में से ग्रामीण क्षेत्र के तीन थानों कालका, ¨पजौर व चंडीमंदिर के लिए अलग से डीसीपी की तैनाती होगी। यानि छोटी सी कमिश्नरी में दो डीसीपी और एक कमिश्नर के अलावा आधा दर्जन एसीपी होंगे।

रायपुररानी थाने को शामिल न करने पर किया विरोध

पत्र में कहा गया है कि अगर पंचकूला की अलग से कमिश्नरी बनाई गई है तो उसमें जिले के रायपुर रानी थाने को क्यों शामिल नहीं किया गया। रायपुर रानी पंचकूला का हिस्सा है और कमिश्नरी से पहले पंचकूला के एसपी के अधीन रहा है और अब पंचकूला की अलग कमिश्नरी बनाई गई है तो थाना रायपुर रानी अंबाला जिले में क्यों छोड़ दिया गया। बता दें कि जागरण ने इस मुद्दे को दिनांक 2 नवंबर के अंक में प्रकाशित किया था कि जल्दबाजी में बनाई गई पंचकूला कमिश्नरी की नोटिफिकेशन में तीन थाने गायब कर दिए गए हैं, जिसमें रायपुर रानी, हाईवे ट्रैफिक थाना व महिला थाना शामिल है।

पंचकूला कमिश्नरी टूटी तो क्या हो सकती है व्यवस्था

अगर लतिका शर्मा की सिफारिश पर गौर करते हुए पंचकूला कमिश्नरी को भंग कर दिया जाता है, तो नई व्यवस्था के मुताबिक अंबाला, पंचकूला व यमुनानगर जिलों को मिलाकर नई रेंज बनाई जा सकती है, जिसका हेडक्वार्टर अंबाला होगा। यमुनानगर और अंबाला फिलहाल करनाल रेंज में हैं। वहां से अलग होने के बाद करनाल रेंज में करनाल, कुरुक्षेत्र व कैथल जिला रह जाएंगे।


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