बड़े पैमाने पर नवसंवत के स्वागत की तैयारी
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : नव संवत पर पहली बार नगर में कई कार्यक्रमों का आयोजन होग
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : नव संवत पर पहली बार नगर में कई कार्यक्रमों का आयोजन होगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भारत विकास परिषद सहित अनेक सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाएं इनका आयोजन करेंगी। सोशल मीडिया पर सभी को अपना भारतीय नववर्ष यानी इस वर्ष 28 मार्च को विक्रमी संवत मनाए जाने के लिए प्रेरित करने वाले संदेशों की बाढ़ आ चुकी है। देश का राजनीतिक माहौल बदलने का प्रभाव कहें या सोशल मीडिया का, अब तक भारतीयता से दूर पश्चिमी माहौल को तरजीह देने वाला युवा नव संवत की बात करने और समझने लगा है। हालांकि इस दिन फहराने के लिए भगवा झंडे आम दुकानों पर उपलब्ध नहीं हैं। ¨हदू संगठनों ने तो नव संवत के स्वागत के लिए परंपरागत तैयारियां कर ही ली हैं।
दरअसल, नव संवत के स्वागत के लिए इस बार युवाओं में विशेष उत्साह नजर आ रहा है। आरएसएस शहर के विभिन्न हिस्सों में चार सार्वजनिक स्थानों पर नव संवत कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। सेक्टर-8 स्थित तिकोने पार्क में, प्रेम नगर के लाल बहादुर शास्त्री पार्क में, शालीमार कालोनी स्थित हर्बल पार्क में और गुरु गो¨बद ¨सह लाइब्रेरी में नव संवत और संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार का जन्म दिन एक साथ मनाया जाएगा। वरिष्ठ अधिकारी बौद्धिक में नव संवत और संघ संस्थापक के जीवन की जानकारी देंगे। सभी स्वयंसेवक सर संघ चालक को वर्ष में एक बार दिये जाने वाला अर्ध सर संघचालक प्रणाम भी करेंगे। भारत विकास परिषद महर्षि दयानंद शाखा पालीटेक्निक संस्थान के छात्रावास में सुबह ही नव संवत के अवसर पर हवन यज्ञ का आयोजन करेगी। यहां भी मौजूद लोगों को विस्तार से इसके महत्व के बारे बताया जाएगा। पालिका विहार रेजीडेंट एसोसिएशन स्थानीय मंदिर में एक विशेष कार्यक्रम में हवन यज्ञ करेगी और राष्ट्र की सुख शांति और भाई चारे की कामना करेगी। बलदेव नगर के श्रद्धाधाम में भी नव संवत पर हवन यज्ञ का कार्यक्रम होगा। जन कल्याण मंच, अंबाला जिला ब्राहमण सभा सहित अनेक संस्थाएं अपने क्षेत्र में इस कार्य को अंजाम देंगी। इन संगठनों का आह्वान है कि हर घर में हवन करें नहीं तो पास के मंदिरों में सामूहिक रूप से हवन करें, घर में मीठा जरूर मनाएं और अपने घरों में केसरिया ध्वज फहराएं, रोशनी करके अपने नव वर्ष का स्वागत करें।
उलाहने के साथ सोसल मीडिया पर प्रेरणा
फेस बुक हो या व्हाट्सएप, इन दिनों नव संवत के संदेशों की बाढ़ सी आ गई है। कई संदेशों में तो यह उलाहना भी लिखा है कि यदि अंग्रेजी नव वर्ष होता या दूसरे अंग्रेजी त्योहार तो कभी के संदेश भेज दिया होता लेकिन अपने नव वर्ष के बारे में भी जाने, खुद भी मनाएं और दूसरों को मनाने की प्रेरणा भी दें। संदेशों में कहा जा रहा है कि घर के आंगन को रंग पोत कर साफ करिए, आंगन में तुलसी का पौधा नहीं है तो अभी लगाएं, घर की छत या सबसे ऊपर के हिस्से पर एक मजबूत पोल या पाइप गड़वा दीजिए, नये वर्ष पर केसरिया ध्वज जो लगाना है। घर के बाहर लगाने के लिए ऊँ व स्वास्तिक के अच्छे स्टिकर इत्यादि ले आइये। नववर्ष के दिन घरों में, प्रतिष्ठानों में रोशनी करना नहीं भूलें। उस दिन सुबह प्रभात फेरी निकाली जा सकती है। हमारा नव वर्ष प्रतिपदा इस वर्ष दिनांक 28 मार्च 2017 को है।
देश की सांस्कृत पहचान विक्रमी संवत के साथ
¨हदू सभा के महासचिव प्रेम लाल शर्मा के अनुसार भारत राष्ट्र की सांस्कृतिक पहचान केवल विक्रमी संवत के साथ ही है। देश के सांस्कृतिक पर्व-उत्सव तथा महापुरुषों की जयंती आज भी भारतीय काल गणना के हिसाब से ही मनाई जाती हैं ईस्वी संवत के अनुसार नहीं। विवाह-मुंडन का शुभ मुहूर्त हो या श्राद्धतर्पण आदि सामाजिक कार्यों का अनुष्ठानए ये सब भारतीय पंचांग पद्धति के अनुसार ही किया जाता है ईस्वी सन की तिथियों के अनुसार नहीं।