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स्कूल में खिड़की से आया अजगर, मची अफरातफरी

जागरण संवाददाता, अंबाला : छावनी के मच्छौड़ा स्थित एसएस लिटिल ऐंजल्स कान्वेंट स्कूल में बुधवा

By Edited By: Published: Thu, 29 Sep 2016 03:04 AM (IST)Updated: Thu, 29 Sep 2016 03:04 AM (IST)

जागरण संवाददाता, अंबाला : छावनी के मच्छौड़ा स्थित एसएस लिटिल ऐंजल्स कान्वेंट स्कूल में बुधवार सुबह सात बजे अफरा-तफरी मच गई। सफाई करते समय स्कूल ऑफिस कार्यालय में कर्मचारी को खुली खिड़की पर बैठा अजगर दिखाई दिया। हालांकि उस दौरान काफी संख्या में अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल में छोड़ने गेट पर आए थे। ऐसे में यह बात आग की तरह स्कूल से पूरे गांव और आसपास के इलाके में भी फैल गई। वहीं स्कूल प्रशासन ने बच्चों को उनकी कक्षाओं में शिक्षकों सहित बंद कर दिया ताकि कोई बाहर न आ सके। इसके चलते स्कूल में सुबह साढ़े सात बजे होने वाली प्रार्थना सभी भी नहीं हो सकी। स्कूल के कर्मी अजगर को पकड़ने के लिए केसरी गांव से दो सपेरों को लेकर आए जिन्होंने काफी मशक्कत के बाद इसे पकड़ा। उधर, इस मामले की सूचना वन विभाग टीम को दी गई लेकिन टीम करीब साढ़े तीन की घंटे देरी से स्कूल में पहुंची।

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हुआ यूं कि स्कूल में सुबह एक कर्मचारी सफाई कर रहा था। इसी दौरान उसने 7:10 पर जब कमरा खोला तो कमरे में खिड़की की ओर ध्यान जाते ही उसके होश उड़ गए और पैरों नीचे से जमीन निकल गई। कर्मचारी ने खिड़की में कुंडली बनाए बैठे अजगर को देखा। कर्मी तुरंत कमरे से बाहर जोर-जोर से सांप-सांप चीखे मारता हुआ बाहर निकला। उसके तुरंत स्कूल में मौजूद स्कूल शिक्षकों को इसकी जानकारी दी। आनन-फानन में जब अन्य स्टाफ सदस्यों ने इसे देखा तो उनके पैरों नीचे से भी जमीन निकल गई। मामला स्कूल ¨प्रसिपल तक पहुंचा तो उन्होंने तुरंत इसे पकड़ने के लिए सपेरो और वन विभाग टीम को बुलाने के लिए कहा। ऐसे में तीन-चार गाड़ियों में स्कूल स्टाफ सदस्य आसपास के गांवों में सपेरों को ढूंढने के लिए निकल पड़े। ऐसे में एक ड्राइवर को सूचना मिली कि केसरी गांव में सांपों को पकड़ने वाले सपेरे रहते हैं तो वह एक गाड़ी लेकर केसरी पहुंचे और स्थानीय लोगों से इस बारे में पूछताछ की। ऐसे में उन्हें दो सपेरे मिले और देरी न करते हुए वह उन्हें लेकर स्कूल में पहुंचे। हालांकि उनके आने से पहले उस कमरे के दरवाजे को बाहर से बंद कर दिया गया था और उस कमरे के आसपास नजर रखी जा रही थी ताकि अजगर किसी ओर से भी यहां से बाहर न निकल सके।

सपेरों ने स्कूल में आकर दरवाजा खोला और अजगर को पहले तो बीन से अपने वश में करने की कोशिश की लेकिन उसने कोई हरकत नहीं की। ऐसे में उन्होंने अजगर को एक कट्टे और कपड़े में पकड़कर उसे अपने थैले में बंद कर दिया। पकड़े गए अजगर की लंबाई करीब 10 से 12 फुट और मोटाई भी काफी अधिक थी।

कक्षाओं में बंद नौनिहाल, नहीं हुई प्रार्थना

वहीं स्कूल में यह बात पता लगने के तुरंत बाद बच्चों को उनकी कक्षाओं में भेज दिया गया और उनके शिक्षकों को भी कक्षाओं में रहने की हिदायत देते हुए दरवाजे बंद करवा दिए गए। सुबह सवा सात बजे से साढ़े 10 बजे तक सहमे हुए नौनिहालों को कक्षाओं में ही बंद रखा गया। वहीं साढ़े सात बजे रोजाना होने वाली प्रार्थना भी नहीं की गई ताकि बच्चों को कमरों से बाहर न निकाला जा सके।

बच्चों को छोड़ने आए अभिभावक भी सहमे

यह घटना सुबह सवा सात बजे का है। स्कूल में प्रार्थना सभा का समय साढ़े सात बजे का है तो उस समय काफी संख्या में अभिभावक अपने बच्चों को लेकर स्कूल में छोड़ने आए हुए थे। स्कूल में अजगर की सूचना जब अभिभावकों को मिली तो वह भी सहम गए और काफी देर तक वे स्कूल के बाहर ही जमा रहे ताकि अपने बच्चों को सुरक्षित देख सके।

आपस में भिड़े सपेरे और वन विभाग टीम

वहीं वन विभाग की टीम को सुबह साढ़े सात बजे सूचना दी गई थी लेकिन टीम करीब साढ़े तीन घंटे देरी से 10:30 बजे स्कूल में पहुंची। जबकि टीम के आने से पहले ही सपेरे अजगर को पकड़ चुके थे। टीम जब तक स्कूल में पहुंचती उससे पहले ही सपेरे अजगर को लेकर जा चुके थे। लेकिन टीम ने मौके पर पहुंचते ही स्कूल प्रशासन के साथ बहस करना शुरू कर दिया कि वे लोग अजगर को उन्हें कैसे लेकर जाने दे सकते है। इस पर ¨प्रसिपल ने सपेरों को लेकर गई गाड़ी तुरंत वापस बुला ली। इसके बाद वन विभाग ने सपेरों से पकड़ा गया अजगर उनके हवाले करने की बात कही लेकिन उन्होंने देने से इंकार कर दिया। अजगर को अपने कब्जे में लेने को लेकर दोनों पक्षों के बीच काफी देर तक बहसबाजी होती रही। लेकिन करीब साढ़े 11 बजे सपेरों ने अजगर वन विभाग टीम के हवाले कर दिया।

सफाई करते वक्त दिखा अजगर

कर्मचारी को सफाई करते समय खिड़की में अजगर दिखाई दिया था। तुरंत वन विभाग में सूचना दे दी गई थी लेकिन उससे पहले ही दो सपेरे आ गए थे जिन्होंने उसे पकड़ लिया। लेकिन बाद में वन विभाग की टीम भी आ गई थी और यह उनके हवाले कर दिया गया था। इस दौरान बच्चों और उनकी कक्षाओं के शिक्षकों को बच्चों के साथ कमरों में बंद रखा गया। इसके चलते स्कूल में प्रार्थना सभा भी नहीं की गई।

-ममता शर्मा, स्कूल ¨प्रसिपल, एसएस लिटिल ऐंजल्स कान्वेंट स्कूल।


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