बिना टिकट पैसेंजर से पहुंचे अंबाला, टैक्सी वालों ने समझा नशेड़ी
जागरण संवाददाता, अंबाला : जहर खुरानी का शिकार बने ओलंपिक मिशन 2020 सेल के निदेशक राज
जागरण संवाददाता, अंबाला : जहर खुरानी का शिकार बने ओलंपिक मिशन 2020 सेल के निदेशक राजेंद्र पठानिया रविवार को भले ही होश में आ गए थे लेकिन वह ठीक से बात नहीं कर पा रहे थे। किसी भी सवाल का जवाब देने में उन्हें दिमाग पर काफी जोर डालना पड़ रहा था। चेहरे पर कई जगह चोटें आई थी और साफ जाहिर हो रहा था कि जहर खुरानी का असर अभी भी उन पर है। यही वजह रही कि होश में आने के बाद जब उन्होंने मदद मांगी तो लोगों ने उन्हें नशेड़ी समझा। इतना ही नहीं, टैक्सी ड्राइवरों ने भी उन्हें अंबाला से उनके घर पटियाला ले जाने से मना कर दिया था। जब वह कह रहे थे कि टैक्सी का किराया जाकर दे देंगे तो किसी टैक्सी ड्राइवर ने उनकी बात पर यकीन नहीं माना। यह खुलासा उन्होंने अंबाला में अपने दोस्त एवं जिम्नास्टिक कोच बलबीर ¨सह से किया।
जानकारी मुताबिक रविवार को जब राजेंद्र पठानिया ने खुद को कुरुक्षेत्र के त्यौड़ा-त्यौड़ी स्टेशन पर पड़ा पाया तो उन्होंने लोगों को अपने औहदे व पेश आई लूटपाट की घटना बारे बताते हुए मदद मांगी थी। हालांकि, लोगों ने उनकी मदद करने के बजाय उनकी हालत देखकर बातों पर यकीन ही नहीं किया। हालांकि, इतना सुझाव जरूर दे दिया कि कुरुक्षेत्र तक बिना टिकट पैसेंजर गाड़ी में चले जाए जिसमें चे¨कग नहीं होती। इसके बाद पठानिया बिना टिकट के ही पैसेंजर गाड़ी में सवार होकर अंबाला पहुंचे।
टैक्सी चालकों ने नशेड़ी समझ नहीं छोड़ा घर
जहर खुरानी की घटना के बाद किसी तरह राजेंद्र पठानिया अंबाला तो पहुंच गए थे लेकिन उनके लिए अपने घर पटियाला जाना दुश्वार हो गया था। स्टेशन से बाहर टैक्सी वालों को पटियाला ले जाने को कहा। टैक्सी वालों ने उन्हें नशेड़ी समझ कर पहले किराया चुकाने की बात कही। हालांकि, पठानिया कहते रह गए कि वह किराया घर पहुंचकर दे देंगे लेकिन किसी ने उनकी बात पर यकीन नहीं किया। इसके बाद वह पैदल ही अंबाला के वार हीरोज मेमोरियल स्टेडियम में अपने दोस्त एवं जिम्नास्टिक कोच बलबीर ¨सह को मिलने पहुंचे। रविवार को स्टेडियम में छुट्टी थी लेकिन उनके दिमाग में शनिवार ही चल रहा था। जब चौकीदार ने उन्हें बताया कि छुट्टी है तो उन्होंने कोच बलबीर से बात कराने की बात कही। वहीं, पूरे घटनाक्रम से वाकिफ कोच बलबीर ¨सह को माजरा समझते देर न लगी।
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भूखे प्यासे दोस्त को लस्सी पिलाई, आपबीती सुनी
अंबाला खेल विभाग के जिम्नास्टिक कोच जब वह स्टेडियम पहुंचे तो दो दिनों से लापता चल रहे राजेंद्र पठानिया को सामने पाकर खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। बड़ी बात थी कि वह उसे ढूंढते हुए आए थे। भूखे-प्यासे अपने दोस्त को लस्सी पिलाई जिसके बाद उन्हें कुछ सहारा हुआ। परिजनों को सूचित किया। इसके बाद उन्होंने अपने साथ पेश आए पूरे वाक्या को बताया।
यू.पी. के बागपत तक तलाश कर चुके थे भाई विपिन
राजेंद्र पठानिया के भाई एवं पंजाब के बागवानी विभाग में डेवलपमेंट आफिसर गुरदासपुर निवासी डॉ. विपिन पठानिया के मुताबिक भाई के मिलने की खुशी शब्दों में बयां नहीं की जा सकती, जिनकी तलाश में वह उत्तर प्रदेश के बागपत पुलिस तक रिपोर्ट लिखवा आए थे। हर जगह तलाश की जा रही थी लेकिन मोबाइल लोकेशन पानीपत के बाबारपुर से आगे ट्रेस नहीं हो रही थी।