'चलो बनारस साध संगत जी इक इतिहास रचाऊना ऐ'
जागरण संवाददाता, अंबाला : 'चलो बनारस साध संगत जी इक इतिहास रचाऊना ऐ, गुरु रविदास दे मंदिर नू सोने
जागरण संवाददाता, अंबाला :
'चलो बनारस साध संगत जी इक इतिहास रचाऊना ऐ, गुरु रविदास दे मंदिर नू सोने दे विच मढौना ऐ.. जैसे कई भजनों के साथ जहां एक ओर रविदासीय कौम के शहीद रामानंद महाराज को याद किया गया। वहीं दूसरी ओर सिरसगढ़ श्रीगुरु रविदास मंदिर का 12 वां स्थापना दिवस बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया। मंदिर स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित किए गए महा संत सम्मेलन में कई राज्यों से करीब 70 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। इस दौरान श्रीगुरु रविदास महाराज के भजनों से पूरा माहौल श्रद्धामय हो गया था।
संत सम्मेलन कार्यक्रम में बतौर मुख्यअतिथि श्री 108 संत निरजन दास महाराज गद्दी नशीन डेरा सच खंड बल्ला जालंधर (पंजाब) मौजूद रहे। समारोह की अध्यक्षता श्री 108 संत रामदयाल जी कपालमोचन (यमुनानगर)ने की जबकि श्री 108 संत श्री फकीरदास जी तंदवाली समारोह में वशिष्ठ अतिथि के रूप में मौजूद रहे। श्री गुरू रविदास धर्म स्थान सिरसगढ़ का 12वा स्थापना दिवस एवं श्री 108 संत रामानंद जी का छठा शहीदी दिवस श्री गुरू रविदास धर्म स्थान परिसर में मनाया गया था। संतों के कार्यक्रम में पहुंचते ही उनके चरण स्पर्श करके आर्शीवाद लेने के लिए सुबह से ही पंडाल में लाइनें लग गई थी। लाइनें इतनी लंबी थी कि मुख्य मेन पंडाल से बाहर हाईवे तक लोगों की लाइनें लगी थी। इस दौरान श्रद्धालु 'जो बोले सो निर्भय श्रीगुरु महाराज की जय' के जयकारों के साथ लाइनों में आगे बढ़ रहे थे।
सम्मेलन में पहुंचे राज्य मंत्री नायब सिंह सैनी ने सर्वप्रथम भारी पंडाल में मौजूद भाई व बहनों को गुरू पूर्णिमा की बधाई दी। उन्होंने कहा कि संत शिरोमणि श्री गुरू रविदास महाराज ने समाज को सच्चाई का मार्ग दिखाया। हमें उसी मार्ग पर चलना चाहिए तथा समाज में फैल रही कुरीतियों का डटकर विरोध करना चाहिए। उन्होने अपने मंत्री कोष से उक्त धर्म स्थान को 5 लाख रुपये दिए जाने की घोषणा भी की। वहीं सासद पत्नी बंतो कटारिया ने भी धर्म स्थान की जगह में सासद कोष से 5 सुलभ शौचालय बनवाए जाने का आश्वासन दिया। अंबाला शहर विधायक असीम गोयल व मुलाना विधायक संतोष सारवान के पति पूर्व अधिकारी एमएल सारवान ने भी इकट्ठा हुए समाज के लोगों को संबोधित किया व उन्हे बधाई दी।
संत सम्मेलन में शहीद संत 108 परम पूज्य स्वामी रामानंद जी महाराज की मनाई गई। इस छठी बरसी में पंजाब से मुख्य रूप से आए मिशनरी कलाकार बलविंद्र बिट्टू ने अपने गीतों के द्वारा अपने गुरूओं का गुणगान किया। संत फकीर दास ने श्री गुरू रविदास जी की पावन अमृतवाणी के जाप करते हुए अपने प्रवचनों द्वारा संगत को निहाल किया। श्री गुरू रविदास जन्म स्थान पब्लिक चेरीटेबल ट्रस्ट सीर गोवर्धन पुर बनारस (यूपी)के चेयरमैन श्री 108 संत श्री निरजन दास जी ने संगत को नाम दान की बकशीश भी दी। सम्मेलन में आए संतों द्वारा 'ऐसी लाल तुझ बिन कौन करे', गरीब नवाज गुसाइयां मेरा, तोही मोही अंतर कैसा, कनक कटल जल तरंग जैसा, सच्ची प्रीत हम तुम संग जोड़ी समेत श्रीगुरु रविदास की अन्य वाणी से संगत को निहाल किया गया।
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जेड प्लस सुरक्षा के बीच पहुंचे संत
डेरा सच खंड बल्लां गद्दी नशीन श्री 108 संत निरंजन दास महाराज सरकार द्वारा दी गई जेड प्लस सुरक्षा के बीच संत सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे। इस दौरान उनके साथ पंजाब पुलिस की एक गाड़ियों में दर्जनों सैनिक उनकी सुरक्षा के चलते उनके वाहन के साथ ही वहां पहुंचे। वहीं कार्यक्रम में हिस्सा लेने आने पर अंबाला पुलिस की ओर से भी उनकी गाड़ी के साथ हरियाणा पुलिस की भी ड्यूटी लगाई गई थी। संतों के दर्शन और चरण स्पर्श करने के लिए श्रद्धालुओं को कड़ी सुरक्षा प्रक्रिया के बीच से होकर गुजरना पड़ा। वर्ष 2009 में संत रामानंद महाराज की गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हमले में संत निरंजन दास महाराज को भी गोली लगी थी और वे बुरी तरह से घायल हुए थे, जिसके बाद उनकी सुरक्षा को देखते हुए उन्हें जेड प्लस सुरक्षा मुहैया करवाई गई थी।
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हाईवे पर रही जाम की स्थिति
सिरसगढ़ श्रीगुरु रविदास मंदिर अंबाला जगाधरी हाइवे पर बना हुआ है। इस दौरान यहां हाइवे तंग होने और संगत की भीड़ के कारण सुबह से देर शाम तक जाम की स्थिति बनी रही। इस दौरान कई बार तो गाड़ियों की लंबी लंबी कतारे कई किलोमीटर तक लग गई थी। हालांकि जाम से निपटने के लिए सड़क पर जगह जगह पुलिस की तैनाती की गई थी।
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पुलिस कर्मियों समेत 1500 सेवादारों ने संभाला मोर्चा
पिछले 12 सालों से लगने वाले इस संत सम्मेलन में हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, जम्मू समेत उत्तर प्रदेश से हजारों की संख्या में श्रद्धालु हिस्सा लेने पहुंचते है। इस दौरान भीड़ को संभालने और सेवा करने के लिए पुलिस कर्मियों के साथ मंदिर कमेटी की ओर से करीब 1500 सेवादारों की ड्यूटी लगाई गई थी। करीब 800 सेवादारों की ड्यूटी तो महज लंगर के लिए ही लगाई गई थी, जबकि 150 से अधिक सेवादारों की ड्यूटी संतों की सेवा और सुरक्षा के लिए लगाई गई थी।
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वीवीआईपी का भी लगा रहा तांता
संत सम्मेलन में हरियाणा के राच्य मंत्री नायब सिंह सैनी, अबाला संासद रतन लाल कटारिया की धर्मपत्नी एवं भाजपा प्रदेश सदस्य बंतो कटारिया, अंबाला शहर विधायक असीम गोयल, मुलाना विधानसभा क्षेत्र से विधायक संतोष सारवान, उनके पति पूर्व आइएएस एमएल सारवान के साथ अन्य कई वीवीआईपी कार्यक्रम में पहुंचे। कार्यक्रम में पहुंचने पर धर्म स्थान के प्रधान सेठ गुरनाम दास मल, गुरबख्श सिंह धीन, प्रेम प्रकाश, भिक्षा राम तंदवाली, सुभाष लबाना, प्रदीप बराड़ा ने बुके देकर उनका स्वागत किया।
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लंगर के लिए भी लगी लंबी लाइनें
सम्मेलन में करीब 70 हजार श्रद्धालु अलग अलग जगह से हिस्सा लेने पहुंचे थे। सम्मेलन में 80 हजार श्रद्धालुओं के लिए लंगर की व्यवस्था मंदिर कमेटी की ओर से की गई थी। हालांकि लंगर के लिए श्रद्धालुओं को कई घंटों तक लाइनों में लगकर इंतजार करना पड़ा। लंगर में श्रद्धालुओं को कई दाल सब्जियों के साथ ही मीठे में खीर का लंगर छका।