छबील मे पिलाए दूध, लस्सी, जलजीरा
जागरण टीम, अंबाला : निर्जला एकादशी के अवसर पर जिले के मुख्य बाजारो, चौक और मुख्य सड़कों पर विभिन्न सं
जागरण टीम, अंबाला : निर्जला एकादशी के अवसर पर जिले के मुख्य बाजारो, चौक और मुख्य सड़कों पर विभिन्न संस्थाओं की ओर से छबीलें लगाकर लोगों को ठंडा और मीठा पानी पिलाया गया। जय दुर्गा सेवा मंडल ने मुख्य बाजार में लोगों को मीठा जल पिलाया। छावनी के गीता गोपाल चौक पर गीता गोपाल संस्था की ओर से दो छबीलें लगाई गई। समाजसेवी अग्रेज सिंह ने कहा कि भीषण पड़ रही गर्मी केचलते किसी प्यासे राहगीर की प्यास बुझाना एक बहुत बड़ा पुण्य का कार्य है। उमस ने जीना दूभर किया हुआ है। बादलों की आंखमिचौली राहत के नाम पर छलावा है। ऐसे में प्राकृतिक प्रकोप से बचने के मानस के इंसानियत से भरे जज्बात और एक दूजे की सेवा भावना ज्यादा काम आ रही है, इसलिए हमें बढ़-चढ़ कर इस पुण्य के कार्य में भाग लेना चाहिए। इसी प्रकार बराड़ा के बराड़ा के लाइन पार, नजदीक गुरूद्वारा श्री गुरू तेग बहादुर साहिब, अग्रवाल धर्मशाला, एसएमएस कालेज, रेलवे फाटक के समीप सहित अन्य कई स्थानों पर दुकानदारों ने छबील लगाकर सड़क से आने-जाने वाले वाहनों को रोक-रोक कर ठडा जल पिलाया। निर्जला एकादशी के अवसर पर छबील लगाने में दिनेश, हैप्पी, नवीन, सचिन, राकेश, मोनू, साहिल गुप्ता, संजीव गुप्ता, गौरव आदि का योगदान रहा।
आज मौसम भी बार बार अपना रंग दिखा रहा था, लेकिन श्रद्धालुओं के उत्साह में कहीं कमी दिखाई नहीं दी। आज शहर में अधिकतम तापमान 44 डिग्री तथा न्यूनतम 34 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। कभी तेज धूव तो कभी आसमान में बादल..दिन भर मौसम की यूं ही आंख मिचौली चलती रही। सेक्टर-नौ, सेक्टर 10, मथुरा नगरी, कांशी नगर, पुलिस लाइन, कपड़ा मार्केट, सर्राफा बाजार दाल बाजार, पालीटेक्निक संस्थान के बाहर, जगाधरी गेट, पुरानी अनाज मंडी, पटेल रोड, दाल बाजार, तंदुरां बाजार, रेलवे रोड, मानव चौक, बलदेव नगर, ओल्ड दिल्ली रोड, मॉडल टाउन आदि में छबीलें लगाई गई। स्कूल से छु्ट्टी कर आ रहे बच्चे हों या आम राहगीर सबकी प्यास इन छबीलों ने बुझाने का काम किया।
घरों में आज के पर्व की तैयारी एक दिन पहले से ही कर ली गई थी। मान्यता है कि मनुष्य निर्जला एकादशी के दिन स्नान, दान, जप, होम आदि जो कुछ भी करता है वह सब अक्षय होता है। विद्वान पंडित मनोज गोस्वामी और पंडित बोध राज ने बताया कि वर्षभर में जितनी एकादशी होती हैं, उन सबका फल निर्जला एकादशी के सेवन से मनुष्य प्राप्त कर लेता है। ज्येष्ठ मास में शुक्लपक्ष की जो शुभ एकादशी होती है उसका निर्जल व्रत करना चाहिए। जो इस प्रकार पूर्ण रूप से पापनाशिनी एकादशी का व्रत करता है। वह सब पापों से मुक्त हो आनंदमय पद को प्राप्त होता है। विद्वानों के अनुसार निर्जला एकादशी को उपवास और श्रीहरि का पूजन करने से मानव के किए गए सभी पाप इस एकादशी व्रत से नष्ट हो जाते हैं।