अब नमी के कारण रार, आढ़ती हड़ताल पर जाने को आतुर
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : प्राकृतिक आपदा का शिकार बने किसानों के लिए एक ओर प्रदेश सरकार की ओर से
जागरण संवाददाता, अंबाला शहर : प्राकृतिक आपदा का शिकार बने किसानों के लिए एक ओर प्रदेश सरकार की ओर से रोजाना नई राहत देने की घोषणा हो रही है तो दूसरी ओर सरकारी खरीद एजेंसियां नमी के कट को आढ़तियों से भरवाना चाहती हैं।
एफसीआइ ने प्रदेश सरकार के मापदंड नहीं स्वीकार करने के चलते पहले से ही परेशान आढ़ती अब हड़ताल पर जाने की धमकी दे रहे हैं। गेहूं सीजन में खरीद एजेंसियों और आढ़तियों के बीच रार बढ़ने के कारण क्षेत्र की सबसे बड़ी अंबाला शहर की मंडी जाम की स्थिति की ओर बढ़ रही है।
शहर मंडी से आज तीन ट्रक गेहूं एफसीआइ के गोदाम भेजी गई। वहां दो ट्रकों में नमी की मात्रा 12.2 प्रतिशत निकली और एक में 13 से ऊपर। एफसीआइ के अधिकारियों ने पहले तो तीनों ट्रक वापस लौटा दिए लेकिन बाद में काफी मिन्नतें कराने के बाद 12.2 प्रतिशत नमी के दो ट्रक स्वीकार कर लिए लेकिन तीसरे ट्रक में कट लगाने की बात कही तो संबंधित खरीद एजेंसी ने मना कर दिया जिससे वह ट्रक वापस आ गया। सामान्य तौर पर गेहूं की खरीद के लिए 12 प्रतिशत नमी की छूट दी जाती है। इसके बाद रेट कट की बात होने के बाद हालात यहां तक बदतर स्थिति में पहुंच गए हैं कि आढ़ती हड़ताल पर उतारू हैं तो खरीद एजेंसियां प्रदेश सरकार के नियम नहीं मान रही। शनिवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश के किसानों को एक बड़ी राहत प्रदान करते हुए गेहूं खरीद में सिकुड़े दाने और टूटे दानो को वैल्यू कट से मुक्त करने की घोषणा की लेकिन आढ़ती नमी को लेकर अपनाए जा रहे मापदंडों से खफा हैं।
नमी की भरपाई सरकार करेगी
सिंचाई विभाग के वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव आरआर जोवेल ने शुक्रवार को अंबाला शहर और नन्यौला अनाज मंडियों का निरीक्षण करने के बाद कहा था कि 12 से 14 प्रतिशत की दो प्रतिशत छूट के लिए किसानों से कटौती की जाती थी लेकिन इस वर्ष वर्षा के कारण फसलों में अधिक नमी होने के कारण किसानों से काटी जाने वाली दो प्रतिशत कटौती की भरपाई सरकार द्वारा की जाएगी।
धूप खिलने से रौनक
लगातार दूसरे दिन खिलने से गेहूं सीजन से जुड़े प्रत्येक शख्स के चेहरे पर वापस आई रौनक स्पष्ट झलक रही थी लेकिन साथ ही दो दिन बाद फिर से बरसात होने की भविष्यवाणी से चिंतित भी नजर आए। शुक्रवार को एफसीआर के दौरे का असर था या कुछ और कारण रहे कि बोली रात को साढ़े दस बजे तक अंधेरे में भी चलती रही।
नए निर्देश की प्रतीक्षा
केंद्र सरकार की ओर से निर्धारित किए गए मापदंडों में किसी तबदीली का फिलहाल कोई समाचार नहीं आने से खरीद एजेंसियों के लिए दिक्कतें काफी बढ़ गई हैं क्योंकि एफसीआइ ने बिना केंद्र सरकार के आदेशों के निर्धारित मानकों से हट कर खरीद एजेंसियों का गेहूं स्वीकार नहीं कर रही और यही मानक इस सीजन में सबसे बड़ी बाधा बन कर सामने आ रहे हैं।
शहर मंडी में अब चारों ओर गेहूं नजर आने लगी है लेकिन मंडी के चार में से एक शेड में बारदाना पड़ा है तो शेष तीन में गेहूं की बोरियां हैं। शेडों के प्लेटफार्म हों या मंडी की सड़कें या आढ़तियों के फड़, सभी पर नमी युक्त गेहूं सूखाया जा रहा है। लिफ्टिंग का ठेका पुराने ही ठेकेदार को दिए जाने से एक बार फिर से लिफ्टिंग व्यवस्था के चरमरा जाने की आशंकाएं व्यक्त की जा रही हैं।
आवक में तेजी से बढ़ेगी दिक्कत
मौसम भले ही कैसा ही रहे, दिन प्रतिदिन जिला में गेहूं की कटाई का कार्य पूरे चरम पर पहुंचने को है। उसी के साथ ही मंडी में गेहूं की आमद प्रतिदिन तेजी से बढ़नी है। लिफ्टिंग नहीं होने से आने वाले दिनों में मंडी में जाम की स्थिति से इंकार नहीं किया जा सकता। 17 अप्रैल तक तक जहां गत वर्ष शहर मंडी में सरकारी एजेंसियों ने 284624 क्विंटल गेहूं की खरीद की थी वहीं इस बार यह आंकड़ा मात्र 1.61 लाख क्विंटल तक पहुंचा है। मंडी से खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, हैफेड, हरियाणा भंडारण निगम गेहूं की खरीद करता है।
हड़ताल के लिए किया जा रहा मजबूर
आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान दूनीचंद दानीपुर की माने तो आढ़तियों को हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर किया जा रहा है। दानीपुर ने बताया कि एफसीआइ द्वारा 13 प्रतिशत से ज्यादा नमी वाला ट्रक लौटा देने के बाद उन्हें खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने उक्त फालतू नमी को आढ़तियों की पेमेंट से काट लेने की बात कही है लेकिन उसे आढ़ती स्वीकार नहीं करेंगे और हड़ताल पर चले जाएंगे।
लगेगा प्राइस कट
जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक अनिल कुमार ने कहा कि सरकार की ओर से ऐसे कोई आदेश नहीं आए कि 12 से 14 प्रतिशत यानी दो प्रतिशत का प्राइस कट सरकार वहन करेगी। एफसीआइ केंद्र सरकार के 12 प्रतिशत नमी से एक प्वांइट ऊपर होने पर भी कटोति करती है। आढ़ती सुखाकर ही गेहूं की भराई करें तो दिक्कत नहीं आएगी।