कृष्ण जन्म सुन मंत्रमुग्ध हुए श्रद्धालु
जागरण संवाददाता, अंबाला : छावनी के बीपीएल प्लेनेटोरियम में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन सिद्धांती महाराज ने श्रीकृष्ण जन्म के रहस्य का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत के अनुसार गोकुल श्री कृष्ण का जन्म यशोदा के गर्भ से हुआ था लेकिन मथुरा में कंस के कारागृह में कृष्ण सोलह वर्ष के बालक के रूप में प्रकट हुए थे। लेकिन गोकुल में यशोदा जी के गर्भ से जन्म लिए थे। तब देवकी के कहने पर श्री कृष्ण छोटे से बालक बन गए। व वासुदेव उन्हें मथुरा से गोकुल ले आए। गोकुल की सीमा में पहुंचकर वासुदेव का बालक और व यशोदा जी का बालक एक हो गए। इस रहस्य के बारे कम लोग ही जानते है। वहीं, इस मौके पर हालैंड से आई महिला ने हिन्दी में भगवान की कथा सुनाकर सबका मन मोह लिया। सिद्धांती महाराज ने बताया कि यह रहस्य पूर्ण कथा उन्होंने अपने गुरुदेव नारायण गोस्वामी महाराज से सुनी है। जिन्होंने देश व विदेश में कृष्ण भक्ति का प्रचार किया।
सिद्धांती महाराज ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के जीवन चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि एक धोबी के कहने पर श्रीराम ने सीता का त्याग करना एक लीला अभिनय मात्र है। इसके पीछे भगवान का कुछ रहस्य है। भगवान जब पृथ्वी पर आते है तो अपनी मधुर लीलाओं से आकर्षित करते है। सीता का त्याग करने का अर्थ वास्तव में सीता का विरह भाव प्रकट करना था। वह विरह भावना उपर से दुखदायी लगने व भीतर में परम सुख की प्राप्ति कराती है। क्योंकि विरह में श्रीराम व सीता जी एक-दूसरे को अधिक से अधिक स्मरण करते है। यह श्रीराम की लीला रहस्य सुनाकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।