Move to Jagran APP

बिजली चोरी रोकने को लगाए करंट ट्रांसफार्मर जले

By Edited By: Published: Thu, 18 Sep 2014 06:50 PM (IST)Updated: Thu, 18 Sep 2014 06:50 PM (IST)

जागरण संवाददाता, अंबाला : आर-एपीडीआरपी योजना में करीब 70 करोड़ रुपये खर्च करके बिजली चोरी रोकने के लिए लगाए गए करंट ट्रांसफार्मर फूंक गए जिन्हें बदलने की जहमत भी बिजली निगम के अधिकारियों ने नहीं उठाई। करोड़ों रुपये की लागत से दो चरणों में होने वाले प्रोजेक्ट में बिजली चोरी रोकने को पहले चरण में लिया गया था। चोरी रोकने के लिए पानी की तरह रुपया बहाया, लेकिन ट्रांसफार्मर पर लगाए गए करंट ट्रांसफार्मर की योजना सिरे नहीं चढ़ सकी। वाहवाही के लिए दूसरे चरण चरण की प्रक्रिया भी विभाग जल्द शुरू करने जा रहा है। जबकि पहली योजना पूरी तरह से फेल साबित हो रही है।

loksabha election banner

दरअसल उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम की ओर से अंबाला में बिजली चोरी रोकने और बिगड़ी व्यवस्था को ठीक करने के लिए आर-एपीडीआरपी योजना शुरू की गई। इसमें दो प्रोजेक्ट में किए जाने वाले कार्यो को बांट दिया गया। प्रोजेक्ट की पहली कड़ी में बिजली चोरी रोकने के लिए अंबाला शहर और छावनी में लगे सभी ट्रांसफार्मर पर करंट ट्रांसफार्मर मीटर लगाए गए। इसके अलावा सभी बिजली कार्यालयों को ऑनलाइन शुरू किया गया। लेकिन इन कामों को करने के दौरान बहुत सी खामियां सामने आ रही है। जिसकी परते एक-एक करके काम खत्म होने के बाद खुलती जा रही है।

अंबाला में जहां-जहां ट्रांसफार्मर लगे हैं वहां ट्रांसफार्मर के साथ नई तकनीक के करंट ट्रांसफार्मर मीटर लगाए गए है। लेकिन प्रोजेक्ट एक के तहत जहां भी यह करंट ट्रांसफार्मर मीटर लगाए गए है वहां मौजूदा समय में अधिकतर खराब पड़े है। इन मीटरों के खराब होने से बिजली चोरी की रोकने की योजना पूरी तरह से फेल हो चुकी है। यह मीटर आग लगने के कारण आग लगकर खराब हो चुके हैं। जिससे 70 करोड़ की योजना पर भी पानी फिरता नजर आ रहा है। बिजली निगम के एक जेई ने बताया कि इन मीटरों के डिब्बे पीतल के बने हुए है, लेकिन इन्हें लगाने के लिए प्रयोग की जाने वाली राड़े पीतल की लगाई जाने के बजाए लोहे की लगा दी है। जिसके कारण भी करंट मीटर खराब हो जाने की सूचना विभाग के आलाधिकारियों के पास पहुंचा दी गई है।

इन मीटरों को लगाने का मुख्य उद्देश्य यह था कि एक ट्रांसफार्मर से जितनी बिजली लोगों के घरों में जा रही है उसकी सारी रीडिंग इस मीटर में नोट हो जाती है। अगर कोई व्यक्ति बिजली चोरी करता है तो इस मीटर से पता चल जाता है, लेकिन मीटर खराब होने के कारण यह योजना फेल साबित हो रही है। विभाग के ही कुछ अधिकारियों ने यह मीटर लगाने वाले ठेकेदार पर सवालिया निशान खड़े कर दिए है।

ऑनलाइन सिस्टम हो रहे ठप

इसी योजना के तहत अंबाला में बने सभी यूनिट कार्यालयों को ऑनलाइन कर दिया गया है। लेकिन ऑनलाइन सिस्टम भी एक-एक करके ठप पड़ते जा रहे है। इसमें काम करने के लिए विभाग की ओर से एक एकाउंट बना दिया गया है। लेकिन उस एकाउंट को खोलने के लिए घंटों निकल जाते है, जबकि ऑनलाइन सिस्टम होने पर घंटों के काम मिनटों में किए जाते है। परंतु यहां हालात बिल्कुल उलटे नजर आ रहे हैं।

मीटर बदलने की प्रक्रिया काफी लंबी

पहले अगर किसी व्यक्ति के घर मीटर खराब हो जाता था या कोई पुराना मीटर बदलवाना चाहता था तो उसे एक फाइल तैयार करनी पड़ती थी। फाइल तैयार करवाने के कार्यालय में जमा करवाने के बाद मीटर बदल दिया जाता था। लेकिन वहीं अब पहले फाइल तैयार करके विभाग के पास जाओ और उसके बाद कर्मचारी उसे आनलाइन करते है। आनलाइन करने की प्रक्रिया इस समय इतनी बड़ी कर दी गई है कि जो काम पहले चार दिन में होता था वही काम अब आठ दिन तक भी नहीं होता है।

ठेकेदार नहीं देता ढ़ंग से जवाब

विभाग के कर्मियों का कहना है कि आधे से ज्यादा करंट ट्रांसफार्मर मीटर खराब हो चुके है। इसके लिए जिस ठेकेदार को इन्हें लगाने का ठेका दिया गया है उसे कई बार इस बारे सूचना दे दी गई है। ठेकेदार को अगर कहो कि मीटर बदलवा दे तो वह कहता है कि आपके यहां ट्रांसफार्मर पर लोड ज्यादा है जिसके कारण यहां करंट रीडिंग मीटर खराब हो रहे है।

वर्जन..

कई जगह से शिकायत आई है कि करंट ट्रांसफार्मर मीटर खराब हो गए है। इन्हें बदलवाने के लिए आदेश दे दिए गए हैं। पुराने काम को ठीक करने में कुछ समय तो लगता ही है। जल्द ही ऑनलाइन सिस्टम भी अच्छे से शुरू जाएंगे।

आरके शर्मा, अभियंता अधीक्षक अधिकारी, अंबाला।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.