आज ही के दिन लांच हुआ था पहला भारतीय उपग्रह आर्यभट्ट
आज से ठीक 42 वर्ष पहले इसरो द्वारा बनाए गए इस उपग्रह के लांच ने अंतरिक्ष को जानने और शोध करने की भारतीय ललक को पुख्ता करने में अहम भूमिका निभाई।
अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में भारत का लोहा दुनिया मान चुकी है। इसरो एक ही रॉकेट से 104 उपग्रह अंतरिक्ष में भेजकर नया कीर्तिमान भी रच चुका है। लेकिन इन उपलब्धियों की नींव पड़ी 19 अप्रैल, 1975 में। तब भारत ने अपना पहला उपग्रह आर्यभट्ट लांच किया। आज से ठीक 42 वर्ष पहले इसरो द्वारा बनाए गए इस उपग्रह के लांच ने अंतरिक्ष को जानने और शोध करने की भारतीय ललक को पुख्ता करने में अहम भूमिका निभाई।
इंदिरा गांधी ने दिया नाम
उपग्रह का नाम इंदिरा गांधी ने देश के महान गणितज्ञ आर्यभट्ट के नाम पर रखा था। इसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अंतरिक्ष में उपग्रह के संचालन के अनुभव के लिए बनाया था।
हुआ था समझौता
भारत और सोवियत संघ के बीच 1972 में हुए समझौते के तहत आर्यभट्ट को कापुस्तिन यार लांच साइट से कोस्मोव-3एम रॉकेट के जरिये प्रक्षेपित किया गया। तकनीकी खराबी से रुका अभियान लांच होने के चार दिन बाद ही उपग्रह के ऊर्जा संचालन में गड़बड़ी आई। इसके चलते पांचवें दिन उपग्रह से संपर्क टूट गया। 17 वर्ष बाद 11 फरवरी, 1992 को उपग्रह पृथ्वी के वातावरण में लौट आया। अगले दिन यह नष्ट हो गया।
अहम उपलब्धि
आर्यभट्ट को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करना भारत व सोवियत संघ दोनों के लिए बड़ी उपलब्धि थी। भारत ने 1976 से 1997 के बीच दो रुपये के नोट पर आर्यभट्ट उपग्रह की तस्वीर जारी की। सोवियत संघ ने 1984 में भास्कर-1, भास्कर-2 और आर्यभट्ट उपग्रहों की तस्वीर वाला डाक टिकट जारी किया।
इसरो की प्रमुख उपलब्धियां
पोलर सेटेलाइट लांच व्हीकल : यह प्रक्षेपण यान 1990 में तैयार किया गया। इसके जरिए चंद्रयान और मंगलयान
जैसे प्रमुख अभियान लांच किए गए।
चंद्रयान : 2008 में देश का पहला मानवरहित चंद्रमा मिशन।
मंगलयान : 2014 में इसरो ने पहले ही प्रयास में मंगल की कक्षा में शोधयान स्थापित किया।
360 किग्रा- आर्यभट्ट उपग्रह का कुल वजन
88 अंतरिक्ष में मौजूद भारतीय उपग्रह
-जेएनएन
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