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अमेरिका-इंग्लैंड की तरह अब सूरत में भी रो़ड मैनेजमेन्ट सिस्टम की योजना

शहर में वाहनों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। ट्रैफिक जाम के अलावा सड़क हादसे भी तेजी से बढ़ रहे हैं। वहीं, सड़कें चौड़ी किया जाना भी आसान नहीं। इस समस्या से निपटने के लिए अब मनपा ने अमेरिका, इंग्लैंड की तरह रो़ड एसेट मैनेजमेन्ट सिस्टम अपनाने की योजना

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 10 Feb 2016 04:47 AM (IST)Updated: Wed, 10 Feb 2016 04:54 AM (IST)

सूरत। शहर में वाहनों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। ट्रैफिक जाम के अलावा सड़क हादसे भी तेजी से बढ़ रहे हैं। वहीं, सड़कें चौड़ी किया जाना भी आसान नहीं। इस समस्या से निपटने के लिए अब मनपा ने अमेरिका, इंग्लैंड की तरह रो़ड एसेट मैनेजमेन्ट सिस्टम अपनाने की योजना बनाई है।

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गूगल मैप
- गूगल मैप द्धारा शहर के मुख्य रास्ते और आस-पास की जगहों को 3-डी इमेज से देखा जा सकेगा।
- मैग की मदद से यह पता लगाया जा सकेगा कि किस सड़क पर जाम लगा है, जिससे उस सड़क पर अन्य वाहनों को जाने से रोका जा सकेगा।

इस तरह काम करेगा सिस्टम:
रोड मेनेजमेन्ट सिस्टम के अंतर्गत हाईटेक वेन शहर के रास्तो पर बहुत धीमी गति से चलेगी और जीपीएस तथा कैमरे द्धारा पिक्चराइजेशन करेगी। ये वन रोड पर पड़े हुए वाहन व सड़क के डेटा, सड़क की इंजीनियरिंग और रोड पर आने वाले बम्प, जेब्रा क्रॉसिंग को कम्यूटर द्धारा एनालिसिस करके रिपोर्ट देगी, जिससे पालिका परफेक्ट सड़क या ओवरब्रिज बना सके।

क्या होगा फायदा:
गूगल मैप पर 3-डी इमेज की वजह से मुख्य रास्ते पर तथा आसपास पार्किंग, पे एन्ड यूज टॉयलेट, बस स्टैंड, सिनियर सिटीजंस के लिए बैठने की व्यवस्था सहित तमाम जानकारियां उपलब्ध होंगी। बार-बार खुदाई के काम को टाला जायेगा तथा खुदाई काम के बाद मरम्मत का काम ठीक से हुआ है या नहीं, उसकी भी जांच की जाएगी। साइंटिफिक तरीके से सड़कों की देखरेख से ट्रैफिक जाम और दुर्घटना से बचाव होगा। साथ ही शहरवासियों को अच्छी सड़कें उपलब्ध होंगी।

वाहनों के वजन के अनुसार रोड की डिजाइन:
शहर में वाहनों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। बहुत से ऐसी सड़कें है, जिन पर वाहनों का भार अधिक होता है। जब सड़क बनाई जाती है तब वाहनों की निश्चित संख्या को ध्यान में रखा जाता है, लेकिन वाहनों के लोडिंग पर ध्यान नहीं दिया जाता। इससे सड़कों को नुकसान होता है और हादसों की संभावना बढ़ जाती है। नए सिस्टम में ये समस्या मूविंग वैन के द्धारा जानी जाएगी और वाहनों के भार की क्षमता को ध्यान में रखकर रोड डिजाइन की जाएगी।

दुर्घटनाएं रोकी जा सकेंगी:
सर्विस ऐप्लिकेशन द्धारा डे टू डे बेस पर शहर के सभी मार्गों पर खास ध्यान दिया जाएगा, जिससे सड़कों की क्वॉलिटी बनी रहे। जहां भी सड़क खराब होगी तो उसकी तात्कालिक मरम्मत की जाएगी। वाहनों के भार के आधार पर डिजाइन तथा रोड की क्वालिटी अच्छी होने के कारण दुर्घटना भी कम होगी। पब्लिक यूटिलिटी की जानकारी गूगल मैप के द्धारा मिलने से लोगों को फायदा होगा।


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