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पतंग की डोर से 106 पक्षियों की मौत, युवाओं ने ली पतंग न उड़ाने की शपथ

शहर में शनिवार को 106 पक्षियों की शवयात्रा निकाल कर उनका अंतिम संस्कार किया गया। इन पक्षियों की मौत मकर संक्रांति पर पतंगबाजी के दौरान पतंग के मांजे की चपेट में आने से हुई। शनिवार सुबह इन पक्षियों की शवयात्रा निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में शहरवासी जुड़े।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2016 05:00 AM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2016 05:09 AM (IST)
पतंग की डोर से 106 पक्षियों की मौत, युवाओं ने ली पतंग न उड़ाने की शपथ

सूरत। शहर में शनिवार को 106 पक्षियों की शवयात्रा निकाल कर उनका अंतिम संस्कार किया गया। इन पक्षियों की मौत मकर संक्रांति पर पतंगबाजी के दौरान पतंग के मांजे की चपेट में आने से हुई। शनिवार सुबह इन पक्षियों की शवयात्रा निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में शहरवासी जुड़े।

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वन-विभाग के बताए अनुसार पूरे राज्य से अब तक लगभग 2200 पक्षियों के घायल होने के आंकड़ें मिले हैं। इनमें से 110 पक्षियों की मौत हो चुकी है। वहीं, सैकड़ों पक्षी गंभीर रूप से घायल हुए हैं और इनके पंख कट गए हैं, जिससे अब वे दोबारा पतंग की तरह हवा में उड़ान नहीं भर सकेंगे।

मरने वाले पक्षियों में सबसे ज्यादा संख्या कबूतर व कौवों की है। पक्षियों को बचाने के लिए वन-विभाग की दर्जनों टीमों सहित कई सामाजिक संस्थाएं भी सक्रिय थीं। इससे 400 से अधिक पक्षियों की जान बचा ली गई है।

हालांकि पतंगोत्सव के दौरान पूरे गुजरात में ये घटनाएं होती हैं, लेकिन इस बार पक्षियों पर सबसे ज्यादा आफत सूरत में आई। बताया जाता है प्रतिबंध के बावजूद सूरत में जमकर चाइनीज मांजे व तुग्ल को प्रयोग हुआ।


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