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सूरत में 13 लोगो की शराब पीने से मौत

कहने के लिए तो गुजरात में देश की आज़ादी के बाद से ही शराब पर पाबन्दी है मगर ये सभी जानते है कि गुजरात में शराब का अवैध कारोबार वर्षो से धड़ल्ले से चलता आ रहा है ये बात खुद सरकार को भी मालूम है ऐसे में ये ये पाबन्दी सिर्फ सरकारी फाइलों तक सीमित रह गई है ! सरकारी मशीनरी के रहमो करम के तले चलने वाले इस शराब के कारोबार ने गुजरात के सूरत में महज 40 घंटो के भीतर 13 लोगो की जाने ले ली है जबकि कई लोग अभी भी अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे है ऐसे में सवाल उठता है कि इन 13 लोगो की मौत का जिम्मेदार

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 11 Sep 2016 05:05 AM (IST)Updated: Sun, 11 Sep 2016 05:17 AM (IST)

सूरत ब्यूरो! कहने के लिए तो गुजरात में देश की आज़ादी के बाद से ही शराब पर पाबन्दी है मगर ये सभी जानते है कि गुजरात में शराब का अवैध कारोबार वर्षो से धड़ल्ले से चलता आ रहा है ये बात खुद सरकार को भी मालूम है ऐसे में ये ये पाबन्दी सिर्फ सरकारी फाइलों तक सीमित रह गई है ! सरकारी मशीनरी के रहमो करम के तले चलने वाले इस शराब के कारोबार ने गुजरात के सूरत में महज 40 घंटो के भीतर 13 लोगो की जाने ले ली है जबकि कई लोग अभी भी अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे है ऐसे में सवाल उठता है कि इन 13 लोगो की मौत का जिम्मेदार कौन है ?

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सूरत जिले का वरेली गाँव जहाँ पिछले 40 घंटो में 13 लोगो की मौते हो चुकी है जिनमे एक महिला भी शामिल है । करीबन एक लाख की आबादी वाला ये वरेली गाँव यहाँ हो रही आकस्मिक मौतों को लेकर चर्चा का केंद्र बन गया है । महज 40 घंटो में हुयी 13 लोगो की मौत के बाद अचानक प्रशासन कुम्भकर्ण की नींद से जाग गया है और यहाँ हो रही मौतों को रोकने के लिये हाथपाँव मार रहा है । अपने हाथो में कागज लेकर खड़ी ये है शांति देवी जो अभी 4 महीने पहले ही उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले से अपने पति संजय चौहान के साथ रोजी रोटी की तलाश में सूरत जिले के वरेली गाँव में आयी थी । शांति देवी अपने पति संजय चौहान के साथ यहाँ एक किराये के मकान में रह रही थी , शांति देवी अपने तीन बच्चों को गाँव में ही छोड़कर इसलिए आयीं थी कि पति की नौकरी कही शुरू हो जायेगी तो वो बाद में बच्चों को भी बुला लेंगी मगर शांति देवी की किस्मत को कुछ ही मंजूर , शराब पीने का आदी पति संजय 9 सितम्वर की शाम का शराब पीकर घर आया तो घर में ऐसा सोया कि दुबारा उठा ही नहीं और वो जहरीली शराब के नशे में हमेशा हमेशा के लिए सो गया ये बात खुद कपड़ा मिल में मजदूरी करने वाले मृतक संजय चौहान की पत्नी शांति देवी कह रही है। सूरत के ही वरेली गाँव में शराब पीने से मरने वाला सिर्फ संजय चौहान अकेला नहीं है बल्कि अब तक इस गाँव में 13 लोग अपनी जान गवां चुके है जिनमें एक महिला भी शामिल हैं । इस गाँव में 13 लोगो की मौतें यूँ तो जहरीली शराब पीने से ही हुयी है मगर मरने वालो की पीएम रिपोर्ट आनी बाकि है । ये दूसरी तस्वीर है मनोज शाहू नामक लड़के की वो भी 8 सितंबर की रात को जहरीली शराब की भेंट चढ़ गया है । मनोज के रिश्तेदार बताते है कि वो बाहर कही से कच्ची देशी शराब पीकर आया था उसके बाद उसकी अचानक तबियत ख़राब हुई और वो मर गया ।

गाँव वालो में दहशत , प्रशासन अब हुआ सतर्क !

सूरत जिले के कड़ोदरा थाना अंतर्गत आने वाले इस वरेली गाँव में एक तरफ 40 घंटे में हुयी 13 मौतों को लेकर ग्रामीण लोग दहशत में है तो दूसरी तरफ अब पुलिस घर घर जाकर शराब के लिए तलाशी अभियान चला रही है । सूरत जिला के कड़ोदरा पुलिस थाने के ये सिपाही 13 लोगो जान जाने के बाद ऊपरी अधिकारियो के इशारे पर अब वरेली गाँव में घर घर जाकर तलाशी कर रहे है कि देशी शराब कही रखी तो नहीं है । शराब को लेकर पुलिस द्वारा शुरू किये गए इस तलाशी अभियान को एक मजाक ही मान रहे है क्योंकि ये उसी थाने की पुलिस है जो हफ्ता वसूली कर थाना क्षेत्र में वर्षो से खुलेआम शराब का कारोबार करवाती आ रही है । मसलन लोग अच्छी तरह समझ रहे है कि तलाशी अभियान के नाम पर पुलिस की सिर्फ ये खाना पूर्ति ही है । वरेली गाँव की इस घटना के बाद प्रशासन ने गाँव में चारो तरफ फैली गंदगी पर दवा का झिड़काव शुरू कर दिया है ताकि महामारी न फैले और स्वास्थ्य विभाग की टीम को घर घर भेजकर ये पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि कही किसी और घर में कोई बीमार तो नहीं है या कोई नशा तो नहीं करता है । स्वास्थय विभाग टीम ने किसी भी रोगी के नही मिलने की बात कही है तो सूरत के इंचार्ज कलेक्टर और डीडीओ के.राजेश मृतको की पीएम रिपोर्ट आने का इंतजार कर रहे है । के. राजेश का कहना है कि राज्य के मुख्यमंत्री खुद इस मामले पर नज़र रखे हुए है और राज्य सरकार की तरफ से वरेली गाँव में ही एक हेल्थ कैम्प शुरू किया गया है तो सूरत के कई अस्पतालों में वरेली से इलाज के किये जाने वाले लोगो के लिए निशुल्क व्यवस्था की गई है साथ ही मृतको का पोस्ट मार्टम करने वाले डॉक्टरों ने प्राथमिक तौर पर मिथनॉल पॉयजनिंग की बात कही है ।

मौत पर राजनीति शुरू

वरेली गाँव में हुई 13 लोगो की मौत के बाद अब अलग अलग पार्टी के राजनेता भी इस गाँव में पहुँच रहे है । दिल्ली में आम आदमी पार्टी के विधायक और गुजरात के प्रभारी गुलाब सिंह यादव भी वरेली गाँव की मुलाक़ात करने पहुँचे और मृतक के किसी भी परिवार से मिलने के वजाय सिर्फ मीडिया के सामने गुजरात सरकार पर प्रहार करते हुए विकास मॉडल पर ही सवाल खड़े कर दिए तो कांग्रेस के स्थानीय नेता भी राज्य की भाजपा सरकार अब तंज कस रहे है ऐसे में भाजपा के स्थानीय विधायक के पास अपने बचाव के सिवा कोई चारा ही नहीं बचता दिखाई दे रहा है । सूरत के वरेली में हुए कथित लठ्ठाकांड में गयी 13 लोगो की जान के पीछे की सच्चाई क्या है ये एफएसएल रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा मगर सच ये भी है जब गाँव में कोई महामारी या बीमारी नहीं फैली है तो आखिर इतनी मौतें कैसे हुयी है ? इन मौतों आखिर जिम्मेदार कौन है ?

सरकार ने बनाई जाँच कमिटी

सूरत के वरेली गांव में कथित लट्ठाकाण्ड को लेकर गुजरात सरकार ने तीन सदस्यों वाली एक जाँच कमिटी का गठन किया है जिसमे लो & आर्डर के एड.डीजीपी वीएम पारगी , प्रोहिबिशन & एक्साइज के डायरेक्टर बीके कुमार तथा फोरेंसिक साइंस लेब्रोटरी के डायरेक्टर डॉक्टर एमएस दहिया को शामिल किया गया है जो जाँच करने के बाद अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौपेंगे ।


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