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दुर्लभ प्रजाति का कछुआ रास्ता भटककर पहुंचा सूरत के तट पर

दुर्लभ ओलिव रिडले प्रजाति का नर कछुआ भटकते हुए डुमस के समंदर किनारे आ गया। घायल अवस्था में मिले इस कछुवे का संस्था प्रयास की टीम ने उपचार कर वापस इसे हजीरा के समंदर में छोड़ दिया।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 13 Jul 2015 03:39 AM (IST)Updated: Mon, 13 Jul 2015 03:42 AM (IST)

सूरत। दुर्लभ ओलिव रिडले प्रजाति का नर कछुआ भटकते हुए डुमस के समंदर किनारे आ गया। घायल अवस्था में मिले इस कछुवे का संस्था प्रयास की टीम ने उपचार कर वापस इसे हजीरा के समंदर में छोड़ दिया। प्रयास के सदस्य दर्शन देसाई ने बताया कि जाल में फंस जाने के कारण कछुआ घायल हो गया था। उपचार के बाद इसे हजीरा के किनारे से वापस समुद्र में छोड़ दिया गया।

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दुर्लभ प्रजाति में शामिल

आईयूसीएन रेड लिस्ट में ओलिव रिडले प्रजाति के कछुओं को दुर्लभ प्रजाति में शामिल किया गया है। इस प्रजाति के कदुए समंदर में अपना जीवन बिताते हैं। साल में एक बार हजारों किमी का सफर कर अपने जन्म स्थान पर पहुंचकर प्रजनन करते हैं। इस प्रजाति की मादा हजारों की संख्या में समुद्र किनारे अपने पंखों और पैरों से बड़ा गड्ढा बनाती हैं। उसमें एक ही साथ कई अंडे रखती हैं। 40-45 दिनों बाद इन अंडो से हजारों की संख्या में बच्चे निकलते हैं।

ओलिव रिडले प्रजाति के ये कछुए ज्यादातर भारत के उड़ीसा, मेक्सिको और कोस्टा रिका के समुद्र किनारे पर देखे जाते हैं। मानसून के कारण इस समय समुद्र तूफान से घिरा हुआ है। इसलिए यह कछुआ रास्ता भटककर मंगलवार की सुबह डुमस के किनारे आ गया। इसे देखने के लिए भीड़ जमा हो गई। कछुआ घायल था, लोगों ने जीव प्रेमी संस्था प्रयास को इसकी जानकारी दी थी।


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