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सूरत के पार्क में लगी है एशिया की सबसे बड़ी घड़ी

सूरत। एशिया की सबसे बड़ी घड़ी 2009 में सूरत के एक बगीचे में लगी थी। कुछ दिनों बाद यह चलना बंद हो गई थी

By Edited By: Published: Mon, 13 Oct 2014 05:57 AM (IST)Updated: Mon, 13 Oct 2014 01:55 AM (IST)

सूरत। एशिया की सबसे बड़ी घड़ी 2009 में सूरत के एक बगीचे में लगी थी। कुछ दिनों बाद यह चलना बंद हो गई थी। तब से यह बंद है। जनभागीदारी से इसे फिर से चलाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके ठीक होने में 90 दिन का समय लगेगा। खर्च आएगा 8.62 लाख रुपए। घड़ी का व्यास 24 मीटर का है।

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वर्ष 2009 में महानगरपालिका ने भेस्तान स्थित नवीनचंद्र मफतलाल पार्क का लोकार्पण किया था। इस पार्क की खासियत यह है कि इसके बीचों-बीच 24 मीटर व्यास वाली घड़ी फिट की गई थी। लेकिन कुछ महीनों में ही घड़ी चलना बंद हो गई थी। हालांकि घड़ी बनाने वाली चेन्नई की कंपनी को इसे ठीक करने के लिए भी कहा गया था, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ सकी।

इस बारे में यह भी कहा जाता है कि घड़ी सुधारने में करीब नौ लाख रुपए का खर्च आता। इसीलिए मामला अटक गया। अंतत: अब शहरवासियों ने ही इसे ठीक करने का बीड़ा उठा लिया है। स्थायी समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। घड़ी सुधारने के लिए तीन कंपनियों से बात की गई है। इसमें दो कंपनियों ने ऑफर भी दिए हैं-

-घड़ी सुधारने वाली कंपनी का नाम अगर घड़ी के डायल पर लिखा जाए तो कंपनी 3.50 लाख रुपए कम कर देगी। इस तरह सिर्फ 5.12 लाख रुपए चुकाने होंगे।

-अगर घड़ी के डायल पर कंपनी का नाम लिखा जाए और साथ ही घड़ी के पास कंपनी का होर्डिग लगाने की अनुमति दी जाए तो कंपनी मुफ्त में ही घड़ी सुधार देगी।


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