गांधीजी के पोते कनुभाई पत्नी संग वृद्धाश्रम में रहने को मजबूर
सूरत। देश को स्वतंत्रता दिलाने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 84 वर्षीय पौत्र कनुभाई गांधी पत्नी शिवालक्ष्मी के साथ सूरत के वृद्धाश्रम में रहने पर मजबूर हैं। क्योंकि उनके पास रहने के लिए मकान नहीं है। वहीं, गांधीजी के अन्य पोते बेहद अच्छे ढंग से जीवन व्यतीत कर रहे है। लेकिन कनुभाई एवं उनकी पत्नी की स्थिति दयनीय है।
गांधीजी की चार संतानों में से तीसरे नंबर के पुत्र रामदास भाई के तीन बच्चे थे। इनमें से तीसरे नंबर के कनुभाई हैं। कनुभाई की उम्र 84 वर्ष है। जिस वक्त गांधीजी की हत्या हुई, उस समय उनकी उम्र 17 वर्ष थी। स्वतंत्रता संग्राम के लिए गांधीजी जहां भी जाते, कनुभाई उनके साथ ही रहा करते थे।
लगभग 40 साल की उम्र में कनुभाई पत्नी के साथ अमेरिका चले गए थे। वे 40 साल तक अमेरिका में रहे। कुछ महीनों पहले ही वे भारत वापस आए। स्वेदश वापसी के बाद वे कुछ समय तक दिल्ली, बेंगलुरु और नवसारी में रहे। नवसारी के मरोली में कस्तूरबा सेवाश्रम में उन्होंने आसरा लिया। वहां कनुभाई के साथ उनके ही सेवक ने 1.64 लाख रुपए की ठगी की। इस घटना के बाद कनुभाई सूरत के वृद्धाश्रम में आ पहुंचे थे। पिछले एक महीने से कनुभाई पत्नी शिवालक्ष्मी के साथ सूरत के श्री भारती मैया आनंदधाम वृद्धाश्रम में रह रहे हैं।
भारती मैया आनंदधाम वृद्धाश्रम के मैनेजर दिलीपभाई सोलंकी ने बताया कि, पिछले एक महिने से महात्मा गांधीजी के पौत्र कनुभाइ उनकी पत्नी के साथ हमारे आश्रम में रुके हुए हैं। कनुभाइ जब तक चाहे, यहां रह सकते हैं।