वाघाणी के खिलाफ लाखों की ठगी के मामले में गैरजमानती वारंट जारी
भाजपा अध्यक्ष जीतूभाई वाघाणी के खिलाफ ठगी के मामले में गैरजमानती वारंट जारी होते ही गुजरात की राजनीति में करंट आ गया।
अहमदाबाद। गुजरात भाजपा अध्यक्ष जीतूभाई वाघाणी के खिलाफ लाखों की ठगी के मामले में मुंबई की कोर्ट से गैरजमानती वारंट जारी होते ही गुजरात की राजनीति में करंट आ गया। कांग्रेस को बैठे बिठाए मुददा मिल गया वहीं आम आदमी पार्टी व पाटीदार आंदोलन के नेता भी चुटकी लेने में पीछे नहीं हैं।
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भाजपा अध्यक्ष वाघाणी के खिलाफ करीब सात साल पुराने एक कंपनी की सौदेबाजी मामले में गैरजमानतीय वारंट जारी हुआ है। अगस्त 2010 में वोल्वोट स्टील के नाम से चर्चित स्टेयन रोज स्टीगल नामक कंपनी को ईवा ग्रुप ऑफ कंपनीज ने 10 करोड 85 लाख में खरीदकर मुंबई की नॉवल्टीन पावर इन्फोतटेक नामक कंपनी को भारी कीमत पर बेच दी थी। सौदे के लिए एडवांस बतौर करीब 3 करोड रुपए ईवा कंपनी के भागीदारों को मिले। लंबे समय तक इस सौदे का टाइटल क्लीयर नहीं होने पर सौदा रद्द हो गया तथा मुंबई की स्थांनीय अदालत ने ईवा ग्रुप के भागीदारों को रुपए लौटाने के निदेश दिय। बतौर भागीदार वाघाणी को 19 लाख रुपए देने थे जिसका चैक अंतिम तारीख को धनाभाव के कारण रिटर्न हो गया।
भाजपा प्रवक्ता भरत पंडया का दावा है कि अगले दिन वाघाणी ने 19 लाख रुपए आर टी जी एस के जरिए भुगतान कर दिया था लेकिन कांग्रेस के इशारे पर वाघाणी का भागीदार शकीर नूर सैयद औवेसी इस मामले को उछाल रहा है। पंडया का कहना है कि औवेसी भाजपा अध्यक्ष का भागीदार था तथा वह वाघाणी के पद व प्रतिष्ठा का लाभ उठाना चाहता है। उसके खिलाफ धोखाधडी के और भी मामले दर्ज हुए हैं। वाघाणी इस सौदे में पूरी तरह निर्दोष हैं तथा उनके खिलाफ अदालती वारंट कए कानूनी प्रक्रिया भर है।
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कांग्रेस महासचिव निशीथ व्यावस का कहना है कि भाजपा अध्यक्ष ठगी के मामले में आरोपी हैं तथा मुंबई की कोर्ट से गैरजमानतीय वारंट जारी होना ही मामले की गंभीरता दर्शाता है लिहाजा वाघाणी को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। प्रदेश प्रवक्ता जयराजसिंह का कहना है कि भाजपा नेता के ठगी मामले में आरोपी होने में कांग्रेस पर सवाल उठाए जा रहे हैं, क्या भाजपा अध्यक्ष के खाते में कांग्रेस को पैसा भरना चाहिए था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सबके खाते में 15 लाख भरने वाले थे, वाघाणी व भाजपा को इस बात के लिए अगर दोष देना है तो प्रधानमंत्री को देना चाहिए। उधर आम आदमी पार्टी व पाटीदार आंदोलन के नेता भी इस मामले में चुटकी लेने में पीछे नहीं हैं।