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मेरे देश की गायें सोना उगलें, गौमूत्र में मिले स्वर्ण के कण

मेरे देश की धरती सोना उगले, अब तक यह गीत गुनगुनाते आए हैं लेकिन अब मेरे देश की गायें सोना उगले गाएंगे तो भी कुछ गलत नहीं होगा।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 29 Jun 2016 06:03 AM (IST)Updated: Wed, 29 Jun 2016 06:07 AM (IST)
मेरे देश की गायें सोना उगलें, गौमूत्र में मिले स्वर्ण के कण

अहमदाबाद [शत्रुघ्न शर्मा]। मेरे देश की धरती सोना उगले, अब तक यह गीत गुनगुनाते आए हैं लेकिन अब मेरे देश की गायें सोना उगले गाएंगे तो भी कुछ गलत नहीं होगा। एक शोध में गुजरात की गीर गायों के गौमूत्र में सोना पाया गया है। गौमूत्र में 388 प्रकार के रोग प्रतिरोधक तत्व भी पाए गए हैं।

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गीर सोमनाथ जिले के जूनागढ क्रषि विश्वविद्यालय बायोटेक्नोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ बी ए गोलकिया पिछले 4 साल से गौमूत्र पर शोध कर रहे हैं। गीर नस्ल की तीन सौ से अधिक गायों के गौमूत्र के 400 नमूनों के अलग अलग परीक्षण के बाद डॉ गोलकिया ने गौमूत्र में सोना घुलनशील कण के रूप में पाया है जिसे रासायनिक प्रक्रिया के जरिए ठोस द्रव्य बनाया जा सकता है। उन्होंने फूड टेस्टिंग लेब में गौमूत्र का गैस क्रेमोटोग्राफी - मास स्पेक्ट्रोमेटरी विधि से गौमूत्र के 400 नमूनों की जांच की। हर बार अलग गाय व अलग अलग समय पर, सुबह, शाम व दिन में गौमूत्र के नमूने लेकर 4 साल तक परीक्षण किया गया। डॉ गोलकिा बताते हैं कि गौमूत्र में 5100 प्रकार के तत्व पाए जाते हैं जिनमें से 388 तत्व मानव की रोग प्रतिरोधकता बढाने में सहायक हैं।

देश में 39 नसल की गायें

डॉ गोलकिया ने कहा कि वेद व शास्त्रों में गौमूत्र में सोना होने का जिक्र आता है, 4 साल पहले इसी सोच पर उन्होंने शोधकार्य शुरू किया था। देश में गायों की 39 नसल पाई जाती हैं, जिनमें गिर गायों के गौमूत्र में सोना पाया गया है अब उनकी टीम अन्य गायों के गौमूत्र का भी परीक्षण करेगी। उन्होंने ऊंट, भैंस, भेड व बकरियों के मूत्र का भी परीक्षण किया लेकिन उनमें ऐसा कोई तत्व नहीं पाया गया।

50 हजार नमूनों की हर साल जांच

जूनागढ युनिवर्सिटी की फूड टेस्टिंग लेब इंडियन काउन्सिल फॉर एग्रीकल्चर रिसर्च आईसीएआर व गुजरात एग्रो इंडस्ट्रीयल कॉरपोरेशन जीएआईसी से मान्यता प्राप्त है। हर साल डेयरी उत्पाद, दाल, सब्जी, तेल, शहद, कीटनाशक आदिे के करीब 50 हजार नमूनों का यहां परीक्षण किया जाता है। गोलकिया बताते हैं कि अब वे गौमूत्र के अन्य परीक्षणों में जुटे हैं जिनमें खास तौर पर मानवीय बीमारी व पौधों के संरक्षण में गौमूत्र के उपयोग पर आधारित है।

सोने के लिए ही लूटा गया था सोमनाथ

जूनागढ क्रषि विवि गीर सोमनाथ जिले में है, एतिहासिक सोमनाथ मंदिर भी इसी जिले में आता है। सोमनाथ मंदिर प्राचीनकाल में सोने से बना था। महमूद गजनवी ने सोने से निर्मित इस मंदिर को लूटने के इरादे से ही हमला किया तथा लूट खसोट कर मंदिर को भी नष्ट कर दिया। इसके बाद अलग अलग हमलावरों ने भी इस मंदिर के वैभव व सौने को लूटने के लिए इस पर हमला करते रहे। आजादी के बाद लौहपुरुष सरदार वललभ भाई पटेल ने जनसहयोग से मंदिर का पुनर्निर्माण कराया।


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