कालेधन का महारथी शाह को पुलिस की वर्दी पहनाकर उसको सुरक्षित घर पहुंचाया
हजारों करोड का कालाधन उजागर करने वाले मिस्टर नटवर लाल महेश शाह आयकर विभाग व पुलिस को लगातार गुमराह कर रहा है।
अहमदाबाद [ शत्रुघ्न शर्मा ]। हजारों करोड का कालाधन उजागर करने वाले मिस्टर नटवर लाल महेश शाह आयकर विभाग व पुलिस को लगातार गुमराह कर रहा है। आरोपी शाह को पुलिस की वर्दी पहनाकर उसको सुरक्षित घर पहुंचाने के लिये पुलिस की छीछालेदर हो रही है।
सैटेलाइट पुलिस के हत्थे चढे महेश शाह से आयकर विभाग के अधिकारियों ने मामूली पूछताछ कर जाने दिया। पुलिस ने उसे सुरक्षित घर पहुंचाने के लिये पुलिस की वर्दी पहना दी जिससे पुलिस का काम करने का तरीका भी शंका के दायरे में है। आखिर एक आरोपी को पुलिस की वर्दी पहनाने की क्यों जरुरत पडी। अधिकारी व प्रशासन के जानकारों का यह भी कहना है कि आयकर विभाग व पुलिस इस मामले को रफा दफा करने के लिये नाटकीयता कर रहे हैं। इस बीच चर्चा है कि जिन 13 हजार 860 करोड को लेकर महेश चर्चा में है वे उसके हैं ही नहीं। ये रकम नेता व अधिकारियों की बेनामी संपत्ति होने तथा एक जैन संत के लिये एकत्र रकम होने की अटकलें लगाई जा रही हैं।
पूर्व आयकर अधिकारी पी वी शर्मा का दावा है कि महेश शाह 2004 में भी इसी तरह कालेधन की घोषणा की थी, तब भी उसे 800 करोड रु जुर्माना भरने को कहा गया था। दरअसल वह 5 से 7 फीसदी कमीशन लेकर कालेधन को ठिकाने लगाने का काम करता है।
कांग्रेस प्रवक्ता डॉ हिमांशु पटेल का कहना है कि महेश शाह शैतान विद्वानों के इशारे पर ऐसे नाटक कर रहा है, ये एक सोची समझी साजिश के तहत बयान बदलकर जनता को गुमराह कर रहा है। आशंका ये भी जताई जा रही है कि महेश शाह की आड में आयकर विभाग कालेधन के महारथियों का धन ठिकाने लगा सकती है, वहीं महेश शाह को आखिरकार विक्षिप्त मानसिकता वाला बताकर मामले को रफा दफा किया जा सकता है।
अपराधी बचाने को पुलिस ने वर्दी उतारी
सामाजिक कार्यकर्ता रुझान खंभाता ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि आम आदमी हजार दो हजार के लिये कतार में खडा होकर जान दे रहा है वहीं बडे अपराधियों की सुरक्षा में पुलिस खुदअपनी वर्दी उतारकर अपराधी को पहना रही है ताकि उनको सुरक्षित रखा जा सके। उनका आरोप कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक साहसपूर्ण कदम उठाया है जिसे पुलिस व अफसर पलीता लगा रहे हैं। वहीं सामाजिक कार्यकर्ता महेश शाह का मानना है कि सरकार की योजना में खामी का कालाबाजारी बेजा फायदा उठा रहे हैं। आम आदमी परेशान है वहीं बडे लोग आराम से अपने धन को बदला रहे हैं, हिन्दूं नेता हर्षद गिलीटवाला नोटबंदी को किसी फिल्मे की कहानी जैसा मानते हैं। उनका कहना है कि हजारों करोड व मुंबई में दो लाख करोड उजागर करने वाले सामान्य लोग किसी के इशारे पर ऐसा कर रहे हैं, फिल्म के भाग दो में सब साफ हो जायेगा।
दूध, सब्जी, धोबी वाले का बकाया हजारों करोड रुपयों का कालाधन उजागर करने वाला महेश शाह ऑटो रिक्शा का इस्तेमाल करता है। भाडे को लेकर वह ऑटो ड्राइवर तक से झिकझिक करने से बाज नहीं आता था। दूध, सब्जी व धोबी तक का बकाया उस पर है। किसी को समय पर पैसों का भुगतान नहीं करता है।